पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर व रेणु देवी को घर खाली करने का मिला नोटिस, भाजपा का हमला, नीतीश ऐसा ही करते हैं
सरकार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पद तो मिल गया, लेकिन इस पद के लिए तय सरकारी बंगला अब तक नहीं मिला है। कारण, पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पद से हटने के बाद भी पुराने आवास में बने हुए हैं। यही हाल पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का है। वह भी पद के साथ मिला बंगला नहीं छोड़ रही हैं। अब सरकार ने सख्ती करने का निर्णय लिया है। भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी ने कहा-ये मर्जी से आवास खाली नहीं करते हैं तो मजिस्ट्रेट तैनात कर खाली कराया जाएगा।
राज्य सरकार में सिर्फ दो पद धारकों के लिए स्थायी आवास निर्धारित है। इसे सरकारी हिन्दी में कर्णांकित आवास कहा जाता है। मुख्यमंत्री के लिए यह पहले से निर्धारित था। 2015 में बनी महागठबंधन की सरकार ने उप मुख्यमंत्री के लिए भी आवास कर्णांकित कर दिया। यह देशरत्न मार्ग स्थित पांच नम्बर का आवास है।
तीन महीने से तेजस्वी कर रहे इंतजार
उप मुख्यमंत्री बनने के तीन महीने बाद भी तेजस्वी यादव इस आवास में नहीं आ पाए हैं। वह विपक्ष के नेता की हैसियत से आवंटित पुराने आवास में रह रहे हैं। संयोगवश पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी का आवास तेजस्वी के बड़े भाई और पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप यादव को दिया गया है। वह भी नए आवास में नहीं आ पाए हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पूर्व मंत्री रामसूरत कुमार भी पुराने आवास को नहीं छोड़ पाए हैं।
बंगले पर हो चुका है विवाद
कैबिनेट की बैठक पिछले मंगलवार को हुई तो हाल में बैठे मंत्रियों के बीच बंगला को लेकर तीखी झड़प हो गई। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित कुमार यादव ने अब तक बंगला न मिलने के लिए नाराजगी जाहिर की तो भवन निर्माण मंत्री डा. अशोक चौधरी ने बेचारगी के साथ कहा कि वे क्या करें। भाजपा कोटे के पुराने मंत्री घर छोड़ ही नहीं रहे हैं। हालांकि उस समय कैबिनेट की बैठक की औपचारिक शुरुआत नहीं हुई थी। ललित यादव को आवंटित आवास में उनके विभाग के पूर्व मंत्री डा. रामप्रीत पासवान रह रहे हैं।
कुछ पूर्व मंत्रियों को मिली राहत
भाजपा कोटे के कुछ पूर्व मंत्री अपने पुराने आवास में ही रहेंगे। ये हैं-शाहनवाज हुसैन, नीतिन नवीन और मंगल पांडये। इनके आवास अब विधानसभा या विधान परिषद पुल में चले गए हैं।
सरकार अपना रही दोहरी नीति
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा कि दो पूर्व उप मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है। जबकि विधान परिषद के एक पूर्व सदस्य कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी सरकारी आवास में बने हुए हैं। यह सरकार की दोहरी नीति है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हमेशा ऐसा ही करते हैं।