15 दिन में ‘सुशांत सिंह राजपूत का मामला सुलझ गया होता अगर…’ ‘हत्या’ के दावे पर बिहार के Ex-DGP गुप्तेश्वर पांडे
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. हाल ही में मुंबई के कूपर अस्पताल के एक पूर्व कर्मचारी ने इस मामले में चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा था कि यह ‘हत्या’ थी. अब इस पर बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में मौजूदा सरकार के समर्थन से इस मामले में सच सामने आ सकता है.
ANI के अनुसार उन्होंने कहा कि अब वहां (महाराष्ट्र) की सरकार ने उम्मीद बदल दी है कि सच्चाई सामने आएगी. पूरी स्थिति की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का भी गठन किया गया है. बता दें कि पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे प्रारंभिक सेवानिवृत्ति लेने और जदयू में शामिल होने से पहले सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच टीम के प्रभारी थे.
गुप्तेश्वर पांडे ने आरोप लगाया कि जांच के दौरान मुंबई पुलिस ने बिहार से भेजे गए अधिकारियों की टीम को सहयोग नहीं किया था. उन्होंने कहा कि बिहार से भेजे गए अधिकारियों की एक टीम के प्रति मुंबई पुलिस का व्यवहार अनैतिक था और तब मुझे लगा कि वे कुछ छिपा रहे हैं. एक आईपीएस अधिकारी को भी भेजा गया जिसे नजरबंद कर दिया गया. मेरी टीम और मुझे जांच के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला. अगर मुझे 15 दिन मिलते तो मामला सुलझ जाता और मामले को उस तरह से हैंडल नहीं किया जाता जिस तरह से किया जा रहा है.
गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत (SSR) 14 जून, 2020 को बांद्रा में अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे. वहीं कूपर अस्पताल के एक पूर्व कर्मचारी रूपकुमार शाह ने सुशांत सिंह मौत के मामले में ‘हत्या’ होने का दावा किया था. रूपकुमार ने कहा था कि SSR के बारे में वह अब इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि वह नवंबर में रिटायर हो चुके हैं. रूपकुमार ने दावा करते हुए कहा था कि जब मैंने राजपूत के शरीर को देखा, तो फ्रैक्चर के निशान थे और कुछ दबाव के कारण उनकी गर्दन के चारों ओर कुछ निशान थे. गला घोंटने और फांसी के निशान अलग-अलग होते हैं. रूपकुमार कूपर अस्पताल में मुर्दाघर सहायक के रूप में काम करते थे. यहीं सुशांत के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया था.