बिहार के फरार IPS आदित्य के ठिकानों पर का छापा, घर से मिला 20 लाख कैश, बैंक में 90 लाख
आय से अधिक संपत्ति के मामले में फरार चल रहे निलंबित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार के तीन ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने छापेमारी की। तलाशी के दौरान 20 लाख रुपये कैश के अलावा शेयर, बॉन्ड, एफडी समेत अन्य वित्तीय संस्थानों में निवेश के कई कागजात बरामद हुए हैं। फिलहाल कागजात की जांच चल रही है। जिसके बाद ही निवेश की पूरी हकीकत सामने आ पाएगी।
एसवीयू के मुताबिक अब तक की जांच में करीब एक दर्जन बैंक खातों में 90 लाख रुपये से अधिक के जमा होने और एफडी और शेयर में करीब 10 लाख रुपये निवेश का पता चला है। पत्नी के अलावा अन्य परिजनों के नाम पर भी कई बैंक खातों में लाखों रुपये जमा रहने के साथ ही लेनदेन की बात सामने आयी है। पटना के सगुना मोड़ में मौजूद एसबीआई बैंक की शाखा में एक लॉकर होने की जानकारी मिली है। फिलहाल इसे अभी तक खोला नहीं गया है।
कई शहरों में हैं फ्लैट
आपको बता दें साल 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार का पैतृक घर मेरठ में है, पटना में सगुना मोड़ के पास मौजूद एक पॉश अपार्टमेंट वशीकुंज कॉम्पलेक्स में 3 BHK फ्लैट संख्या 505बी के अलावा गाजियाबाद के वसुंधरा में जनहितकारी अपार्टमेंट में फ्लैट संख्या 294 और मेरठ में सिविल लाइन थाना क्षेत्र में मकान संख्या 626 की तलाशी ली गई। सगुना मोड़ वाले फ्लैट की इंटीरियर डिजाइनिंग पर ही 30 लाख से ज्यादा खर्च किए गए।
मेरठ में है पैतृक घर आदित्य कुमार वर्ष 2011 बैच के आईपीएस हैं।
पद का दुरुपयोग कर कमाई अकूत संपत्ति
आदित्य कुमार की एक करोड़ 37 लाख 18 हजार रुपये की अवैध संपत्ति का पता चला है। जो आदित्य कुमार की आय से 131 फीसदी ज्यादा है। जिसमें पटना के आईसीएस को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 18 लाख रुपये के प्लॉट, गाजियाबाद में 30 लाख और सगुना मोड़ के फ्लैट की कीमत 60 लाख रुपये शामिल हैं। इस तरह एक करोड़ आठ लाख की सिर्फ ये तीनों अचल संपत्ति हैं। इन संपत्तियों की यह सरकारी कीमत है, जबकि हकीकत में इनका बाजार मूल्य इससे कहीं ज्यादा है।
आपको बता दें आदित्य कुमार ने गया में एसएसपी रहते पद का दुरुपयोग करके करोड़ों की अवैध संपत्ति जमा की थी। गया के सरकारी आवासीय परिसर में मौजूद लाखों की सरकारी लकड़ी बेचने के मामले में भी संलिप्तता है। शराब माफियाओं को भी संरक्षण देने के आरोप हैं । आदित्य कुमार के खिलाफ पद के दुरुपयोग समेत अन्य आरोपों को लेकर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में एफआईआर दर्ज है। इस आरोपों को लेकर उनके हाजिर नहीं होने के कारण उनके खिलाफ कोर्ट से वारंट तक जारी है। वर्तमान में वे फरार चल रहे हैं।