Bihar

बिहार में अब मनमाने तरीके से लोग नहीं करा सकेंगे बोरिंग, इस विभाग से लेना होगा एनओसी

राज्य में बारिश खत्म होते ही हर वर्ष भू-जल का स्तर गिरने लगता है और गर्मी में सरकारी चापाकल एवं निजी बोरिंग तक पानी छोड़ने लगते है. राज्य सरकार के स्तर पर हाल में हुई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में जिलों से मिली हर रिपोर्ट की गहन समीक्षा के बाद एक बेहद अहम निर्णय लिया गया है. इस फैसले के तहत अब धड़ल्ले से हो रहे निजी बोरिंग पर अंकुश लगाया जाएगा. वहीं, पुराने सभी बोरिंग की गिनती की जाएगी

इस काम को लघु जल संसाधन विभाग, कृषि, पीएचइडी और पंचायती राज विभाग मिलकर पूरा करेगें, ताकि भू जल के गिरते स्तर पर साइंटिफिक तरीके से अंकुश लगाया जा सकें. इस मामले में गाइड लाइन बनाने की जिम्मेदारी लघु जल संसाधन विभाग को दी गयी है, जिसमें संबंधित विभाग भी अपना सहयोग करेंगे. वहीं, गाइड लाइन की स्वीकृति के लिए कैबिनेट भेजा जायेगा.

बोरिंग को कम करने की दिशा में किया जाएगा काम

जहां भू जल कम होगा, वहां के बोरिंग के लिए गर्मी में तय होगा समय सीमाजिस जिले में भू जल कम होगा या हर वर्ष वहां के भू जल के स्तर में गिरावट दिखेगा, तो वैसे इलाके निजी बोरिंग को गर्मी के मौसम में चलाने के लिए समय सीमा तय किया जायेगा, ताकि पानी संकट नहीं हो. इसके बाद भी हर मौसम में पानी संकट रहेगा, तो बोरिंग को कम करने की दिशा में काम होगा और उन इलाकों में हर जगह जलापूर्ति योजना के माध्यम से पानी पहुंचाया जायेगा.

शहरी क्षेत्र में नगर निगम को दी जायेगी जिम्मेदारी

सर्वे के दौरान पीएचइडी अधिकारी निजी, सरकारी और कृषि बोरिंग की गिनती भी करेंगे, ताकि पानी की उपलब्धता और उसकी खपत की रिपोर्ट तैयार करेंगे. वहीं, बोारिंग के पानी का उपयोग करने में किस तरह की कार्रवाई होती है . इसको लेकर भी रिपोर्ट तैयार होगी. इस काम को करने के लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्रों में मुखिया को जिम्मेदारी दी जायेगी. वहीं, निजी बोरिंग करने के लिए एनओसी भी लेना होगा और इस संबंध में निगरानी की जिम्मेदारी सभी डीएम को सौंपी जायेगी.

पिछले 30 वर्षोे के भू-जल के आंकड़ों का होगा मिलान

तकनीकी सर्वें में पिछले 30 वर्षों में ऐसे जिलों में अधिकारी जायेंगे. जहां भू-जल का स्तर लगातार गिर रहा है. यहां से मिले आंकड़े को जुटाया जायेगा और उसी के आधार पर काम होगा. वहीं, गिरते भू-जल की परेशानी से निबटने के लिए भी अधिकारी यह देखेंगे कि उन इलाकों में पानी संरक्षण के लिए क्या काम हुआ है और बारिश के पानी कहां से कहां निकल कर जाता है.

पहले चरण में इन जिलों की होगी मैपिंग

अधिकारियों के मुताबिक जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, शेखपुरा, नवादा, मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर, बांका,जमुई , नालंदा, पटना, दरभंगा में वाटर मैपिंग की जायेगी. इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है. इन इलकों में तकनीक से सभी पानी की जांच होगी.

सर्वे के दौरान गांव के लोगों से मिलेंगे अधिकारी

सर्वे के दौरान अधिकारी गांव के लोगों से मिलेंगे. गांव के बारे में उनसे जानकारी लेंगे और उनके यहां पानी का स्रोत क्या है. उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे. रिपोर्ट के आधार पर ही इन जिलों में भूजल के स्तर को दुरुस्त करने का काम होगा.

Avinash Roy

Recent Posts

पुलिस लाइन में हुआ सम्मान समारोह सह बड़ा खाना का आयोजन, SP ने मेजबानी करते हुए खुद परोसा भोजन

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  समस्तीपुर : लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न करवाने…

6 घंटे ago

समस्तीपुर के शशिभूषण को अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल ने किया सम्मानित

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  समस्तीपुर/बिथान :- समस्तीपुर जिले के बिथान प्रखंड के…

6 घंटे ago

समस्तीपुर : खेत में पटवन कर रहा युवा किसान करंट की चपेट में आया, मौ’त

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  समस्तीपुर/वारिसनगर :- समस्तीपुर जिले के वारिसनगर थाना क्षेत्र…

6 घंटे ago

बिहार में भारी पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला… समस्तीपुर समेत कई जिलों के DM बदले गए, देखें पूरी लिस्ट

यहां क्लिक कर हमसे व्हाट्सएप पर जुड़े  बिहार के प्रशासनिक महकमे में शनिवार को बड़ा…

7 घंटे ago

दरभंगा एम्स की साइट का जेपी नड्डा ने किया मुआयना, बोले- 2000 करोड़ की लागत से बनेगा शानदार AIIMS

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार…

9 घंटे ago

‘DSP ने दी थी थाने के सामने बालू कारोबारी के मर्डर की सुपारी’, बिहार के मोस्टवांडेट का सनसनीखेज वीडियो वायरल

बिहार-झारखंड में सक्रिय अपराधी गिरोह का सरगना कुख्यात इनामी रंजीत चौधरी को उत्तराखंड से बिहार…

15 घंटे ago