विपक्षी एकता से डरी भाजपा ने बनाया ‘प्लान 160’, क्यों 2024 के लिए अभी से तैयारी
व्हाट्सएप पर हमसे जुड़े
बिहार से लेकर महाराष्ट्र तक विपक्षी एकता को देखते हुए भाजपा 2024 के आम चुनाव को लेकर सजग हो गई है। यही वजह है कि उसने पहले 144 सीटों को आम चुनाव में कठिन माना था, लेकिन अब इस टारगेट को उसने बढ़ाकर 160 कर दिया है। इससे साफ है कि महाराष्ट्र और बिहार में वह 16 ऐसी और सीटों को अपने लिए कठिन मान रही है, जिन पर अब तक उसे आसान जीत की उम्मीद थी। यही वजह है कि आज से भाजपा दो दिनों के ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत कर रही है। इसमें पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाएगा, जिन्हें 100 लोकसभा सीटों पर तैनात किया जाएगा।
यह कार्यक्रम पटना में हो रहा है, जिसे संगठन महामंत्री बीएल संतोष के अलावा महासचिव विनोद तावड़े और सुनील बंसल संबोधित करेंगे। यही नहीं सह-संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और बिहार प्रभारी हरीश द्विवेदी भी इस कार्यक्रम में रहेंगे। दिल्ली से ही पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल होंगे। विस्तारकों को पार्टी ने लोकसभा क्षेत्रों ही तैनात कर दिया है और उन्हें जमीनी स्तर पर पार्टी का नेटवर्क मजबूत करने को कहा गया है। भाजपा ने पहले जो प्लान 144 बताया था, उसमें बिहार की 4 सीटों को कठिन माना था। ये सीटें थीं नवादा, वैशाली, वाल्मीकि नगर और किशनगंज।
अब भाजपा ने इनमें 6 और सीटों को जोड़ दिया है। ये सीटें हैं- कटिहार, सुपौल, मुंगेर, झंझारपुर, गया और पूर्णिया। इसकी वजह यह है कि जेडीयू अब महागठबंधन का हिस्सा बन गई है। ऐसे में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस मिलकर कठिन चुनौती देने की स्थिति में हैं। 2019 के आम चुनाव में भाजपा और जेडीयू दोनों ने ही बिहार में 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने सभी सीटों पर जीत हासिल की थी और इसके अलावा जेडीयू को भी अच्छी जीत मिली थी। वहीं रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी भी 6 सीटों पर जीती थी।
अब ऐसे हालात नहीं हैं। भाजपा अकेली है और लोजपा बंटी हुई है। वहीं महागठबंधन एकजुट दिख रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र में भी महाविकास अघाड़ी ने साथ चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की एकजुटता यहां भाजपा की चिंता बढ़ा रही है। ऐसे में भाजपा ने यहां की 10 और सीटों को भी कठिन क्षेत्रों में शामिल किया है। फिलहाल भाजपा 100 सीटों पर तैयारी के लिए पटना में मीटिंग कर रही है। उसके बाद 28 दिसंबर को हैदराबाद में एक मीटिंग होनी है, जिसमें 60 सीटों को लेकर प्लानिंग होगी।