बिहार के गोपालगंज में एक शिक्षक ने करोड़ों की सरकारी जमीन बेच दी। सीओ की मिलीभगत से उसने इस कांड को अंजाम दिया। मामले का खुलासा होने के बाद सीओ को पद से हटा दिया गया है तो आरोपी शिक्षक संतोष महतो फरार है। उसके नेपाल भाग जाने की बात कही जा रही है। एसडीएम, डीसीएलआर समेत तीन उच्चधिकारियों की टीम मामले की जांच कर रही है।
गोपालगंज के मांझा बाजार में सरकारी जमीन बेच देने के मामले में मांझा अंचल के सीओ शाहिद अख्तर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिले के मांझा बाजार में करोड़ों की सरकारी जमीन की जमाबंदी कराकर का सौदा कर दिया गया। इसमें एक स्कूल शिक्षक संतोष महतो ने दलाल की भूमिका निभाई। मामले का खुलासा होने के बाद मांझा अंचल के सीओ शाहिद अख्तर पर जांच की तलवार लटक रही है। डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने सीओ शाहिद अख्तर को पद से हटा दिया है और उनकी जगह बरौली के राजस्व पदाधिकारी को मांझा अंचल का प्रभारी सीओ बनाया है।
सभी आवेदनों की होगी जांच
सीओ शाहिद अख्तर पर यह कार्रवाई जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर की गयी है। आशंका जताई गयी है कि पद पर रहते हुए शाहिद अख्तर जांच प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से सीओ के पद से हटा दिया गया है।
इसके साथ-साथ मांझा अंचल कार्यालय से पिछले एक साल में हुए दाखिल-खारिज के मामलों की जांच भी की जा रही है। जांच के लिए तीन अधिकारियों की टीम बनाई है जिसमें एसडीएम प्रदीप कुमार, डीसीएलआर वीरेंद्र प्रसाद और जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज कुमार रजक शामिल हैं। दाखिल-खारिज के रद्द हुए आवेदनों की भी जांच की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि किस वजह से आवेदन रद्द किये गये।
नेपाल भाग गया भू माफिया शिक्षक
अंचल कार्यालय का दलाल शिक्षक तीन दिन बाद भी पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका है। उसने अपना मोबाइल घर पर छोड़ दिया है। गोपालगंज पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। मगर उसके ठिकाने का पता नहीं चल सका है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि उसने जान बूझकर अपना मोबाइल आवास में ही छोड़ दिया था। ताकि पुलिस उसके लोकेशन को ट्रेस नहीं कर सके। उसके नेपाल भाग जाने की भी चर्चा है। सूत्रों का कहना है कि छापेमारी की भनक शिक्षक संतोष कुमार को पहले ही लग गई थी। इसलिए वह छापेमारी से कुछ देर पहले फरार हो गया था।
सीओ का खास राजदार है आरोपी शिक्षक
मामले की जांच में कई राज उजागर हुए हैं। बताया गया है कि शिक्षक के घर में छापेमारी के दौरान अंचल कार्यालय का सरकारी दस्तावेज, सीओ का मुहर, जमाबंदी के कागजात, नक्शा मिले। आरोपी संतोष महतो शिक्षक के साथ जमीन माफिया था। वह सीओ शाहिद अख्तर का बेहद करीबी भी था। वह पार्टी और सीओ कार्यालय के बीच दलाली करता था। फर्जी दस्तावेज तयार भी करता था।इसी के जरिए दाखिल-खारिज का पूरा काम होता था.
अन्य कर्मी भी रडार पर
मामले में अंचल कार्यालय के कई कर्मी व राजस्व कर्मचारी भी रडार पर हैं। सदर एसडीएम के नेतृत्व में उसके आवास छापेमारी में भू-बंदोबस्ती के कागजात, सीओ की मुहर,मोबाइल,लैपटॉप ,लगान रसीद सहित अन्य कई कागजात बरामद किए गए थे । सीओ ने मांझागढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। शिक्षक सन्तोष ने दलाली के धंधे से अकूत सम्पति भी अर्जित की है। तीन बहुमंजिला इमारत,बगीचा,कई बीघे जमीन सहित करोड़ों की संपत्ति उसने बनाई है। उस पर पांच धाराओं 409, 420, 467,468 व 471 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद अंचल कार्यालय में सन्नाटा का माहौल है।
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