बिहार में नया साल आते ही सियासी यात्राओं का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेतिया से समाधान यात्रा निकाल रहे हैं। गुरुवार से उनकी यात्रा शुरू हो जाएगी। दूसरी ओर, कांग्रेस भी राहुल गांधी की पदयात्रा की तर्ज पर बिहार में भारत जोड़ो यात्रा निकालने जा रही है। खास बात ये है कि कांग्रेस की यह यात्रा भी गुरुवार से ही शुरू हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बांका जिले के मंदार से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं। इसे महागठबंधन में शामिल दोनों दलों की लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के मद्देनजर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वैसे तो बिहार में पहले भी कई यात्राएं निकाल चुके हैं, हालांकि मौजूदा समाधान यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। बीजेपी का दामन छोड़कर आरजेडी के साथ आने के बाद से नीतीश कुमार पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। शराबबंदी और कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों पर सरकार पर लगातार गंभीर आरोप लग रहे हैं। इन सबके बीच नीतीश जनता के बीच जाकर उनका फीडबैक लेने जा रहे हैं। साथ ही सरकार कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी लोगों को बताएंगे।
सियासी जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के जरिए अपने ऊपर लगे आरोपों से खुद को मुक्त कराना चाहते हैं। पिछले 5 महीनों के भीतर विपक्ष ने उनकी जो खराब छवि बना दी है, उसमें सुधार लाने की कोशिश करेंगे। समाधान यात्रा के जरिए वे अपनी सियासी जमीन को और मजबूत करना चाहते हैं, जिसका फायदा उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में मिल सके। बता दें कि नीतीश कुमार आगामी आम चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट करने का संकल्प ले चुके हैं। उन्हें पीएम कैंडिडेट भी माना जा रहा है। हालांकि, अभी तक विपक्षी एकता की मुहिम में उन्हें कुछ खास हासिल नहीं हुआ है।
खोई हुई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही कांग्रेस
बिहार में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा गुरुवार को बांका जिले के मंदार से शुरू होने जा रही है। यह यात्रा भागलपुर, खगड़िया समेत अन्य जिलों से होते हुए बोधगया तक जाएगी। कांग्रेस को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार में नया पीसीसी चीफ मिलने के बाद नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह है। भारत जोड़ो यात्रा में गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह समेत पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता शामिल रहेंगे।
बिहार में कांग्रेस आरजेडी की पिछलग्गू पार्टी बनकर रह गई है। अब पार्टी अपनी राज्य में खोई हुई जमीन वापस करने की कोशिश में जुटी है। अखिलेश प्रसाद सिंह के पीसीसी चीफ बनने के बाद उन्हें पहली बार बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश कांग्रेस में नेताओं के बीच जारी अंतर्कलह के बीच अखिलेश पर भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने का अहम टास्क होगा।
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