बिहार के दरभंगा में तैनात आरडब्ल्यूडी क्लर्क सुभाष सिंह के ठिकानों से अकूत संपत्ति बरामद की गयी है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में निगरानी की टीम ने दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग के प्रधान लिपिक सुभाष कुमार के घर में छापेमारी की। सुभाष के ठिकानों से 27 लाख रुपये बरामद किए हैं। टीम ने सुभाष के दरभंगा के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के न्यू पंडासराय और बरहेत्ता रोड स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान पंडासराय स्थित आवास से 27 लाख रुपए नकद, करीब 350 ग्राम के सोने के आभूषण और 33 जमीनों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए। सुभाष कुमार के खिलाफ निगरानी ब्यूरो में आय से 1.15 करोड़ अधिक की संपत्ति का एफआईआर दर्ज किया गया है।
बरामद आभूषण का मूल्य करीब 10 लाख रुपये बताया जा रहा है। सुभाष मधुबनी जिले के जयनगर कार्यालय के प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत है। देर शाम तक छापेमारी जारी थी। निगरानी टीम ने सुभाष के आलीशान मकान बनाने में लाखों रुपये खर्च किए जाने का अनुमान लगाया है। घर चार कट्ठा जमीन पर बना है। डीएसपी कन्हैया लाल के नेतृत्व में निगरानी विभाग की 26 सदस्यीय टीम छापेमारी के लिए सुबह 9:30 बजे दरभंगा पहुंची थी। इनमें से 14 अधिकारियों ने सुभाष के न्यू पंडासराय स्थित आवास पर धावा बोला, जबकि टीम के बाकी सदस्य जेल के पश्चिम-दक्षिण कोना स्थित एक मॉल पहुंचे। वहां लिपिक की पत्नी निजी फर्म चलाती हैं।
इससे पूर्व निगरानी की टीम के पहुंचते ही प्रधान लिपिक के घर में हड़कंप मच गया। घर में मौजूद सदस्यों ने नकद रुपए सहित काफी सामान बाहर फेंक दिया। हालांकि, टीम ने रुपये और सभी सामान बरामद कर लिए।
कई बैंक खातों की मिली जानकारी
घर में प्रधान लिपिक की मौजूदगी में टीम ने तलाशी शुरू की। घर का चप्पा-चप्पा छान मारा। इस दौरान नकद रुपये, आभूषण आदि बरामद किए गए। इसके अलावा जमीन से जुड़े चार दस्तावेज, एलआईसी में निवेश से संबंधित चार बॉन्ड भी बरामद किए जाने की सूचना है। छापेमारी के दौरान कई बैंक खातों की भी जानकारी मिली है।
बरामद नोटों की गिनती में कई घंटे लगे
दूसरी ओर, मॉल में चल रहे उसकी पत्नी के प्रतिष्ठान में भी कई घंटे तक छापेमारी की गई। टीम के सदस्यों ने बारीकी से कोने-कोने की तलाशी ली। हालांकि, वहां टीम को कोई महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं मिला है। छापेमारी से पहले सुभाष के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मामला दर्ज किया गया था। सूत्र बता रहे हैं कि बरामद नोटों की गिनती में टीम को कई घंटे लग गए। टीम में निगरानी डीएसपी गौतम कृष्ण और विकास श्रीवास्तव भी शामिल थे।
डीएसपी, निगरानी कन्हैया लाल ने बताया कि छापेमारी में 27 लाख नकद रुपये के अलावा लाखों के आभूषण, जमीन से जुड़े दस्तावेज आदि बरामद किए गए हैं। आभूषणों की कीमत का आकलन किया जा रहा है। प्रधान लिपिक के अन्य ठिकानों का भी पता लगाया जा रहा है।
मॉल और प्राइवेट कंपनी में बड़ा निवेश
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में पाया गया है कि आरडब्ल्यूडी क्लर्क सरकारी नौकरी करने के साथ-साथ प्राइवेट कंपनी भी चलाता है। उसकी कंपनी का नाम कनेक्शन कॉरपोरेशन है जिसमें उसका साला साझेदार है। कंपनी के माध्यम से भी उसने काली संपत्ति बनाई है। जानकारी के मुताबिक सुभाष ने एक्मे टावर नामक अपना एक मॉल भी बनाया है जो उसके साला के नाम पर है। सुभाष के मॉल में सुपरमार्केट। रेस्त्रां, बैंक्विट हॉल और लग्जरी होटल खोले गए हैं। उसके पास जेसीबी मशीन, क्रेटा कार, ब्रेजा कार, रोलर, दो ट्रैक्टर और पिकअप है। इसे कंपनी की प्रॉपर्टी बताया गया है। सुभाष ने अपनी पत्नी पम्मी कुमारी के नाम से 15 जमीनों के दस्तावेज भी मिले हैं जिनकी कीमत 2.24 करोड़ बताई जा रही है। मां सुशीला देवी के नाम से भी 13 जमीन के दस्तावेज मिले हैं। इनकी कीमत 97. 16 लाख है। सूत्रों के मुताबिक उसके बैंक के अकाउंट में काफी कैश डिपॉजिट किए गए हैं। टीम के अधिकारियों ने बताया कि एक सरकारी कर्मी इतनी संपत्ति कभी अर्जित नहीं कर सकता। यह संपत्ति गलत तरीके से बनाई गई है। छापेमारी की करवाई जा रही है।
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