बिहार के 2459 मदरसों की होगी जांच, पटना हाईकोर्ट का आदेश; अनुदान राशि पर लगी रोक
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बिहार के 2459 मदरसों की जांच होगी। 29 नवंबर, 1980 के बाद के राज्य सरकार से अनुदानित 2459 मदरसों की जांच करने का आदेश पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को दिया है। कोर्ट ने तुरंत सूबे के सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर उनके संसाधनों के बारे में जांच करने को कहा और जांच पूरी होने तक मदरसों को अनुदान राशि नहीं देने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने जाली कागजात पर मदरसों को दी गई मान्यता पर दर्ज प्राथमिकी के संबंध में राज्य के डीजीपी को अनुसंधान की पूरी जानकारी कोर्ट को देने का भी आदेश दिया।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सीतामढ़ी जिला के मो. अलाउद्दीन बिस्मिल की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की। आवेदक के अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि माध्यमिक शिक्षा के विशेष निदेशक मो. तस्नीमुर रहमान ने सीतामढ़ी जिला के सरकारी अनुदान लेने वाले मदरसों की जांच रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया कि सीतामढ़ी जिला में फर्जी कागजात पर करीब 88 मदरसों ने सरकारी अनुदान ली है। इन सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कही।
उनका कहना था कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने हाई कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया है कि राज्य के अन्य जिलों के 609 मदरसे जिन्होंने सरकारी अनुदान प्राप्त किया है, उन सभी की जांच के लिए एक तीन सदस्यी कमेटी का गठन किया गया है।
कमेटी ने खगड़िया, बांका, बेगूसराय, कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, किशनगंज, शिवहर, सीवान, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, पटना, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, रोहतास, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सीतामढ़ी, सारण, सुपौल, दरभंगा, वैशाली अररिया, औरंगाबाद, गया और गोपालगंज जिलों के मदरसों की जांच करने का निर्देश दिया है। लेकिन तय समय के भीतर जांच रिपोर्ट विभाग को नहीं भेजे जाने पर अपर मुख्य सचिव ने इन जिलों के डीएम को स्मारपत्र भी दिया। सिर्फ सीतामढ़ी जिला से रिपोर्ट आई। इसमें जिले के 88 मदरसों का अनुदान रद्द करने की रिपोर्ट दी गई है।
आवेदक के अधिवक्ता राशिद इजहार का कहना था कि फर्जी कागजात के आधार पर खुले मदसरों को भी अनुदान दिया जा रहा है। इसपर कोर्ट ने सभी 2459 मदसरों की जांच करने का आदेश शिक्षा विभाग को दिया। साथ ही कोर्ट ने मदरसा कानून के तहत इनके संसाधन सहित अन्य पहलुओं की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया। मामले पर अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।