कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होगी नीतीश कुमार की पार्टी, RJD को लेकर भी संशय
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को कांग्रेस का आंतरिक मामला बताते हुए अपनी पार्टी को इससे अलग कर लिया है। वहीं, सत्तारूढ़ महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी ने भी अभी तक इसमें शामिल होने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुछ जेडीयू नेताओं ने इस बात की घोषणा की थी की उनकी पार्टी भी कांग्रेस की इस यात्रा में शामिल होगी।
नीतीश कुमार ने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस का आंतरिक मामला है। हम इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस को अपना कार्यक्रम पूरा करने दें, फिर हम साथ बैठेंगे और विपक्षी एकता पर चर्चा करेंगे।”
इस मामले पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पार्टी की विचारधारा कांग्रेस की तरह ही है। भारत जोड़ो यात्रा ने उन राज्यों में भारी भीड़ अपनी तरफ खींची है जहां से यह लंबा मार्च गुजरा है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या राहुल गांधी के नेतृत्व वाली इस यात्रा में आरजेडी भाग लेगी तो उन्होंने कहा, “ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव द्वारा लिया जाएगा।” आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी ने सोमवार को कहा था कि अखिलेश यादव मंगलवार को उत्तर प्रदेश में प्रवेश करने वाली इस यात्रा में भाग नहीं लेंगे।
कन्या कुमारी से कश्मीर तक जाने वाली यह यात्रा 3,570 किलोमीटर का सफर तय करेगी। जिन राज्यों से यह यात्रा नहीं निकलेगी वहां स्थानीय नेताओं के द्वारा इसी तरह की यात्रा निकाली जाएगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 5 जनवरी को बांका जिले से भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर पार्टी की बिहार इकाई द्वारा आयोजित की जाने वाली पदयात्रा की शुरुआत करने वाले हैं।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में एक संयुक्त विपक्ष भाजपा को हरा सकता है। उन्होंने हाल ही में कहा था कि उन्हें राज्य में अपनी सहयोगी कांग्रेस से कोई समस्या नहीं है। कांग्रेस के कई नेताओं ने राहुल गांधी को विपक्ष ती तरफ से पीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश किया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि राहुल गांधी 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधा मंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।
नीतीश कुमार ने कहा, “मैं यह स्पष्ट कर देता हूं कि मैं इस पद के लिए खुद दावेदार नहीं हूं। लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि अधिक से अधिक दलों को भाजपा के खिलाफ एक साथ आना चाहिए।”