बिहार: उत्पाद विभाग की फर्जी टीम लेकर छापा मारने पहुंचा असली सिपाही, ग्रामीणों ने बंधक बनाकर पीटा, SP ने किया निलंबित
छपरा में जहरीली शराबकांड से 74 लोगों की मौत के बाद पूरे प्रदेश में शराबियों व धंधेबाजों के खिलाफ उत्पाद विभाग की टीम की सक्रियता जारी है। जगह-जगह छापामारी कर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में पश्चिम चंपारण के बगहा से उत्पाद विभाग की फर्जी टीम के पकड़े जाने की खबर सामने आई है। हैरानी की बात यह है कि उत्पाद विभाग की फर्जी टीम का नेतृत्व पुलिस में तैनात एक असली सिपाही कर रहा था। गांव वालों को जैसे ही इस बात की भनक लगी तो बवाल मच गया। गांव में शराब के खिलाफ छापामारी करने पहुंची नकली टीम में शामिल पुलिस के जवान को पकड़कर ग्रामीणों ने जमकर पिटाई कर दी। घंटों तक सभी को बंधक बनाकर रखा। बाद में स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। पुलिस महकमे में भी फर्जी छापामारी की खबर मिलते ही हड़कंप मच गया।
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि बगहा थाना क्षेत्र के मच्छरगांवा मटियरिया गांव में मंगलवार की रात पुलिस के कुछ जवान प्राइवेट लोगों के साथ टीम बनाकर शराब के खिलाफ छापामारी करने गए थे। टीम का नेतृत्व सिपाही भानु प्रताप सिंह कर रह था। छापामारी के दौरान एक युवक के साथ मारपीट के बाद ग्रामीण भड़क गए। इसके बाद उत्पाद विभाग से जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि गांव में पहुंची टीम फर्जी है। उत्पाद विभाग की ओर से कोई टीम नहीं भेजी गई है।
एसपी ने सिपाही को सस्पेंड किया
फिर क्या था। गांव वालों ने सभी को रस्सी में बांधकर जमकर पीटा और नगर थाने पुलिस को इसकी सूचना दी। आरोपित सिपाही की पहचान भानु प्रताप सिंह के तौर पर हुई। वह वर्तमान समय में बजरा टीम में तैनात है। पूर्व में इसकी तैनाती बगहा थाने में थी। मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने आरोपित सिपाही को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच एसडीपीओ कैलाश प्रसाद को सौंप दी है।
कार्रवाई के नाम पर हो रही वसूली
इस संबंध में एसपी किरण कुमार गोरख जाधव का कहना है कि मामले की जानकारी सिपाही को निलंबित कर एसडीपीओ को जांच सौंप गई है। इसमें जो भी जवान शामिल होगा, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, ग्रामीणों ने बताया जाता है कि छापामारी के नाम पर पुलिस के जवान स्थानीय युवकों के साथ मिलकर इसी तरह अवैध वसूली करते हैं।






