बिहार में जाति आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
बिहार में इस महीने शुरू हुई जाति आधारित गणना को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता ने जातिगत गणना को असंवैधानिक करार देते हुए बिहार सरकार द्वारा 6 जून को जारी अधिसूचना रद्द करने की मांग की है। इस नोटिफिकेशन के जरिए जाति आधारित गणना कराने की बात कही गई थी। बिहार में चार दिन पहले ही जाति आधारित गणना के पहले चरण का काम शुरू हुआ, अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।
शीर्ष अदालत में यह याचिका नालंदा के रहने वाले अखिलेश कुमार ने वकील वरुण कुमार सिन्हा के माध्यम से दायर की है। इस याचिका में बिहार में जातिगत गणना के लिए बिहार सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है। उन्होंने जातिगण गणना के सरकारी नोटिफिकेशन को रद्द करने की भी मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस मामले पर सुनवाई कर सकता है। हालांकि, अभी तक सुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है। याचिका में कहा गया है कि 6 जून 2022 जातिगत गणना के लिए अधिसूचना जारी हुई थी, जो कि संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। जाति गणना असंवैधानिक और गैर कानूनी तरीके से कराई जा रही है, इस पर रोक लगाई जाए।