जलती आग पर नंगे पैर चले लोग, बिहार में यूं मनाई गई झील पूजा
बिहार के कटिहार जिले में जलते हुए अंगार में नंगे पैर चलकर लोगों ने झील पूजा मनाई. समेली प्रखंड के राजेंद्र पार्क में आयोजित इस तीन दिवसीय झील पूजा के आयोजन में जलते अंगार पर चलने को लेकर मान्यता यह है कि ऐसा करने से लोगों का मन्नत पूरा हो जाती है.
इस आयोजन में हजारों की संख्या में आसपास और दूर दराज के क्षेत्र से महिला, पुरुष, बच्चे बूढ़े सभी आते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी हो इसके लिए नंगे पैर अंगारों पर चलते हैं. हालांकि यह देखना बेहद डरावना लगता है, लेकिन आस्था के नाम पर इस तीन दिवसीय आयोजन के समापन मौके पर आस्था के इस खेल को देखने के लिए भारी भीड़ पहुंची.
ऐसा कहा जाता है कि जिसकी मनोकामना पूरी हो जाती है वो इस झील पूजा को करवाते हैं. झील पूजा में भक्त बांस से बने कुंड के ऊपर चढ़कर आग पर चलते हैं. इसके बाद उन सभी श्रद्धालुओं के आंचल में फेंक कर प्रसाद दिया जाता है. श्रद्धालु उसी प्रसाद को ग्रहण करते हैं. बांझपन दूर होने, बीमारी से निरोग होने, नौकरी और रोजगार वृद्धि होने जैसे कई मुद्दों की मनोकामना पूरा होने की उम्मीद में आग के अंगार पर चलने के लिए कई लोग इस पूजा का हिस्सा बनते हैं.
मनोकामना पूरी होने पर खुले आसमान के नीचे कराते पूजा
श्रद्धालु की मानें तो जो सच्चे मन से झील पूजा करते हैं और अंगारों पर चलते हैं वो जलते नहीं हैं. फिर उनके मन की मुरादें, मनोकामनाएं पूरी होती है. इस तरह से चार दिनों तक चलने वाली इस झील पूजा का आयोजन किया जाता है. जिनकी मनोकामना पूरी हो जाती है वो कहीं भी खुले आसमान के नीचे मैदान में झील पूजा करवा सकते हैं.