समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस पहुंचे राष्ट्रपति भवन, बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोजपा के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने भतीजे व सांसद प्रिंस राज के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा. जिसमें सारण जहरीली शराब कांड एवं बिहार में गिरती विधि-व्यवस्था का जिक्र किया गया. दोनों नेताओं में बिहार में जल्द राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. इससे पहले सांसद चिराग पासवान ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी और बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी.
पशुपति कुमार पारस और प्रिंस राज द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य में शराबबंदी कानून अप्रैल 2016 से लागू है जोकि पूर्ण रूप से विफल है. आये दिन जहरीली शराब पीने से लगातार निर्दोष लोगों की मौतें हो रही हैं. उदाहरणस्वरूप गोपालगंज के बबूवानी, सारण के क्रमशः मकेर, परसा, अमनौर तथा वैशाली सहित दर्जनों स्थल एवं अभी हाल-फिलहाल में सारण जिला के ही मशरख, इसापुर, मढौरा एवं सिवान के मलमलिया तथा भगवानपुर इत्यादि स्थानों पर लोगों की मौत हुई है. वहीं आये दिन लगातार बिहार के स्वर्ण व्यवसायी से लूट तथा बैंक लूट के साथ विभिन्न थाना में सैकड़ों लोगों की हत्या हो रही है.
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि दलित उत्पीड़न एवं दलितों की हत्या की भी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं. 28 नवंबर के मध्यरात्रि में अरवल जिला के परासी थाना के चकिया गांव में रामजीत पासवान को शराब के मुकदमा में गलत ढंग से फसाकर जेल में बंद करा दिया गया तथा वहां के दबंगों के द्वारा रामजीत पासवान के परिजनों से बलात्कार के प्रयास के असफल होने पर उनकी पत्नी सुमन देवी तथा पुत्री श्रद्धा कुमारी को घर में जलाकर हत्या कर दी गई. वहीं बेगूसराय जिला के सहायक थाना छौराही अंतर्गत पूरपथार गांव में रंजू देवी पासवान को शराब माफिया द्वारा बलात्कार कर हत्या कर दी गई.
इस मामले को लेकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने शराबबंदी कानून के पश्चात राज्य में शराब का अवैध कारोबार की न्यायिक जांच कराने की मांग की है. साथ ही कहा गया है की राज्य सरकार शराबबंदी कानून को पूर्ण रूप से लागू करें, यदि पूर्ण रूप से लागू करने में अक्षम है तो पूर्ववत् स्थिति में रखा जाये यानि शराबबंदी कानून को अविलंब वापस लिया जाये. वहीं ज्ञापन में कहा गया है कि बिहार में विगत कुछ दिनों से लगातार दलित उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही है. इन सभी घटनाओं का न्यायिक जांच कराई जाये. यह भी कहा गया है की बिहार में पशुपालन घोटाले से बड़ा घोटाला बालू घोटाला हुआ है.






