‘धर्म के मामले पर कुछ नहीं कहेंगे, सबको इज्जत मिलनी चाहिए’, रामचरितमानस विवाद पर 7वें दिन CM ने तोड़ी चुप्पी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामचरित मानस विवाद पर आज सातवें दिन ‘फुल स्टॉप’ लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि कहीं कोई विवाद नहीं है। हमारा मानना है कि कोई भी किसी धर्म को माननेवाला है, उसमें कहीं किसी तरह का इंटरफेरेंस नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सब लोग अपने तरीके से धर्म का पालन करें। इसमें कहीं कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। जिसको जो मन है, जैसे पूजा करना है, करे। इसमें कोई बात नहीं होनी चाहिए। अब तो डिप्टी सीएम ने भी बोल दिया है। कहीं कोई विवाद नहीं है।
11 जनवरी को पटना में एक कार्यक्रम में दिए गए शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के बयान पर विवाद शुरू हुआ था। इसपर आज CM ने पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है। वो समाधान यात्रा पर आज अरवल पहुंचे हैं।
तेजस्वी ने भाजपा की साजिश बताया, जदयू ने उठाए सवाल
इससे पहले डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीते रविवार को शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बचाव किया था। कहा था कि संविधान सबसे बड़ा ग्रंथ है। उसी में बोलने की आजादी दी गई है। यह बीजेपी की साजिश है। बीजेपी इस मसले को बढ़ा रही है। लेकिन जेडीयू के नेता इस जवाब से खुश नहीं हैं। जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने तेजस्वी यादव से पूछा है कि आखिर चंद्रशेखर का बचाव क्यों कर रहे हैं? महागठबंधन जिन मुद्दों पर बना है, उससे आरजेडी के नेता भटक रहे हैं।
अभिषेक झा ने कहा कि तेजस्वी यादव तो लगातार कह रहे हैं कि जो इस तरह के बयान दे रहे हैं वह भाजपा की मदद कर रहे हैं तो, फिर उन नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अपशब्द कह रहे हैं।
मंत्री ने कह दिया – अपने बयान पर कायम हैं
इस मामले में मंत्री प्रो चंद्रशेखर पहले ही कह चुके हैं कि वो अपने बयान पर कायम हैं। विवाद शुरू होने के अगले ही दिन उन्होंने कहा था कि जो लोग मेरी जीभ काटना चाहते हैं काटें, कोई तो अमीर हो जाएगा। हम तो जलने वाले लोग हैं, जब तक जलेंगे नहीं, तब तक निखरेंगे नहीं।
उन्होंने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कहा था कि रामचरितमानस से नफरत फैलती है। उन्होंने कहा- रामचरित मानस समाज में दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है।