‘कैकई’ की तरह कोपभवन में बैठे रहे ‘जगदानंद’…अब सीमा लांध रहे, RJD अध्यक्ष पर भड़के ‘शिवानंद’
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शिक्षा मंत्री चंद्रशेखऱ ने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। इसके बाद राजनीतिक बवाल मच गया है। न सिर्फ विपक्ष बल्कि सत्ता पक्ष भी चंद्रशेखऱ के खिलाफ हो गया है। जेडीयू ने शिक्षा मंत्री के बयान पर गहरी आपत्ति जताई है और राजद नेतृत्व से कार्रवाई की मांग की है। इधर राजद में भी चंद्रशेखऱ के बयान पर बवाल मचा है। चंद्रशेखर के बयान का समर्थन करने के बाद राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पूरी तरह से घिर गये हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने जगदानंद सिंह के निर्णय पर गहरी नारजगी जताई है और कह दिया कि ये सीमा लांघ रहे हैं. शिवानंद ने जगदानंद को कैकयी कह दिया।
भड़के शिवानंद ने जगदानंद को खूब सुनाया
शिवानंद तिवारी ने आज फिर कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखऱ ने रामचरितमानस को लेकर जो बातें कही हैं उस पर पार्टी का क्या स्टैंड यह तय जगदानंद सिंह नहीं कर सकते. तेजस्वी यादव निर्णय लेंगे। हमने कल भी राजद के प्रदेश अध्यक्ष के सामने अपनी आपत्ति दर्ज की थी. आज भी हम कह रहे हैं कि चंद्रशेखऱ के पक्ष में जगदानंद सिंह को बोलने की क्या जरूरत थी ? राजद अध्यक्ष ने रामचरितमानस को लेकर जो बातें कही हैं वह जगदानंद सिंह का निजी स्टैंड है न कि पार्टी का.
शिवानंद तिवारी ने साफ कहा कि जगदानंद सिंह ने सीमा का अतिक्रमण किया है. उनको लालू-तेजस्वी ने बहुत विश्वास के साथ अध्यक्ष बनाया था. अध्यक्ष इसलिए बनाया था कि वे पार्टी के हित में काम करेंगे . पार्टी के हित में काम कर करेंगे इसका मतलब क्या है? हमको तो उनपर संदेह हो रहा है .वह किस लिए उस कुर्सी पर बैठे हैं? 2 महीना कोप भवन में बैठे रहे… कैकई की तरह. 2 महीने के बाद आए, तेजस्वी ने इतना सम्मान दिया, खुद गाड़ी ड्राइव कर आपको कुर्सी पर लाकर बिठाया, इसीलिए कुर्सी पर बिठाया था कि आप सीमा का अतिक्रमण करें. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आयेंगे तो बातचीत होगी.