मेरे बेटे को ‘मुख्यमंत्री’ बनाओ! पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बोले- बेटा पढ़ा-लिखा हुआ है, PHD भी है
गुरुवार को गरीब संपर्क यात्रा के दौरान अरवल पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जिले के अलग-अलग जगहों पर महादलित टोला के बस्तियों पर नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपने बेटे संतोष सुमन को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की।
अरवल प्रखंड परिसर में भीमराव अंबेडकर के मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि इस सरकार में दलितों गरीबों की उपेक्षा हुई है। इस सरकार में गरीबों की जितनी विकास होनी चाहिए उतना विकास नहीं हुआ है। जीतन राम मांझी ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के सवाल पर कहा कि संतोष पढ़ा लिखा है उसे मुख्यमंत्री बनाना चाहिए मुख्यमंत्री के लिए बहुतों का नाम आता है वैसे लोगों को पढ़ा सकता है।
वह नेट क्वालिफाइड प्रोफ़ेसर है। सिर्फ यही है कि वह भुंईया जाति से आता है। गरीबों के दलितों की आबादी 90 फ़ीसदी है इसीलिए हम संतोष को मुख्यमंत्री प्रेषित करते हैं। वही मुख्यमंत्री प्रमोट किए जाने जीतन राम मांझी के पुत्र व बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है मैं मुख्यमंत्री का उम्मीदवार नहीं हूं। जनता का प्यार सम्मान पाने के लिए और ऊर्जा के साथ काम करूंगा।
शराबबंदी पर पिता का बयान से कोई वास्ता नहीं
बिहार सरकार के अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री संतोष सुमन ने शराबबंदी को लेकर जीतन राम मांझी के दिए गए बयानों से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मांझी का बयान निजी बयान है। उनके बयानों से कोई वास्ता नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को और सख्ती से लागू करवाएं ताकि पर्दे के पीछे खेल करने वाले लोग पकड़े जाएं उन्होंने कहा कि शराबबंदी अच्छी चीज है। उसे लागू रहना चाहिए शराबबंदी की वजह से गरीब लोग अपने बच्चों को उसी पैसे से पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ा रहे हैं, जिससे उनका आर्थिक विकास हो रहा है।




