मगध विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्ति, टेंडर घोटाला समेत 30 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। रविवार को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) की टीम ने आरोपी पूर्व कुलपति के गोरखपुर के आवास, उनके शिक्षण संस्थान पर छापा मारा। परंतु लंबे समय से फरार चल रहे पूर्व कुलपति एसवीयू के हत्थे नहीं चढ़े।
मगध विश्वविद्यालय में 30 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले से जुड़े मामले में प्राथमिक साक्ष्य मिलने के बाद विशेष निगरानी इकाई ने 2021 में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान एसवीयू को कई अहम दस्तावेज और सबूत हाथ लगे। लेकिन, राजेंद्र प्रसाद अपने पद के रसूख का इस्तेमाल कर विशेष निगरानी से बचते रहे। बार-बार निर्देश के बाद वे महज एक बार ही एसवीयू के समक्ष पूछताछ के लिए पहुंचे।
इस बीच राजेंद्र प्रसाद अग्रिम जमानत याचिका लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गए। हालांकि, उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी। इसके बाद अब एसवीयू ने राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ अपनी दबिश बढ़ा दी है। एसवीयू ने मामले के जांच अधिकारी को भी बदल दिया है। इस मामले की जांच का जिम्मा एसपी स्तर के अधिकारी चंद्रभूषण को सौंपा है।
इसके साथ ही इंस्पेक्टर स्तर के दो अधिकारी भी इसमें लगाए गए हैं। निगरानी कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद एसवीयू की टीम ने रविवार को गोरखपुर में प्रो. राजेंद्र प्रसाद के आवास और शिक्षण संस्थान में छापा मारा, लेकिन राजेंद्र प्रसाद फरार होने में सफल रहे। सूत्रों की मानें तो एसवीयू को उनके ठिकानों की जानकारी मिल चुकी है जल्द ही इस मामले में और छापमारी होगी।
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