बिहार के पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र को हत्या मामले में सुनाई गई उम्रकैद की सजा
बिहार के सारण जिले से बड़ी खबर है। बिहार के पूर्व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री और कांग्रेस के नेता रविन्द्र नाथ मिश्र को छपरा एमपी-एमएलए कोर्ट ने उम्र कैद की सजा दी है। पूर्व मंत्री चुनाव के दौरान हुई हत्या के मामले में कोर्ट से दोषी करार दिए गए थे। सजा को लेकर सुनवाई के बाद पहले ही उन्हें दोषी करार दे दिया गया था। पूर्व मंत्री छपरा कोर्ट में बंद थे। आज सजा के विंदु पर फैसला होना था।
वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ लूटने की मंशा से मतदान करने आये एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में पूर्व मंत्री पर केस दर्ज था। न्यायाल ने सुनवाई के बाद कांग्रेस नेता को पहले ही दोषी करार दे दिया था। रविंद्र नाथ मिश्र राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री थे।
इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 1990 के चुनाव के दिन 27 फरवरी को मांझी प्रखंड के बूथ संख्या 175 और 176 पर बूथ लूटने की मंशा से कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था। पूर्व मंत्री वहां मौजूद थे। उन्होंने खुद गोली चलाई। उनके द्वारा की गई फायरिंग से वहां भगदड़ मच गयी थी। इसी दौरान मतदान करने के लिए आये उमा बीन नामक एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी।
इस मामले में बूथ संख्या 175 के पीठासीन अधिकारी प्रणय कुमार मल्लिक व बूथ संख्या 176 के पोलिंग एजेंट महेश प्रसाद यादव की ओर से पूर्व मंत्री के खिलाफ मांझी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। पीठासीन अधिकारी मल्लिक ने किसी को भी पहचानने से इंकार कर दिया, जबकि महेश प्रसाद यादव ने निर्दलीय उम्मीदवार रविन्द्र नाथ मिश्र और उनके भाई हरेंद्र मिश्र को हत्या में संलिप्त बताते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मंत्री के भाई को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।