नीतीश जी, गिरिराज को जेल में डालिए…पप्पू यादव बोले- केंद्रीय मंत्री कर रहे हैं बिहार को बदनाम, फैला रहे नफरत
जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को जेल में डालने की मांग की है। दरअसल, बिहार सरकार की ओर से रमजान महीने में मुस्लिम कर्मचारियों को तय समय से एक घंटे पहले दफ्तर आने और एक घंटे पहले चले जाने की छूट दी गई है। भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने इस फैसले पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि क्या बिहार वोट के लिए इस्लामिक स्टेट की ओर बढ़ गया है?
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 19 मार्च को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या वोट की खातिर नीतीश सरकार के नेतृत्व में बिहार इस्लामिक स्टेट की ओर बढ़ गया है, जहां सीमांचल के स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी, रमजान पर विशेष सुविधा दी जाती है और रामनवमी की छुट्टी रद्द कर दी जाती है?
इस व्यक्ति पर कब FIR करेगी बिहार सरकार? क्या यह यूं बिहार को बदनाम करता रहेगा?
माननीय मुख्यमंत्री @NitishKumar जी तत्काल इस पर दर्ज करवा, गिरफ़्तार करवायें। केंद्रीय मंत्री हैं तो कुछ भी बकेंगे, ऐसे ही ज़हर फैलाएंगे? सख़्त से सख़्त कारवाई करें। https://t.co/oFAlGJo5TO
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) March 20, 2023
पप्पू यादव ने गिरिराज सिंह के इस ट्वीट को रीट्वीट किया। साथ ही कैप्शन में लिखा- ‘इस व्यक्ति पर कब FIR करेगी बिहार सरकार? क्या यह यूं बिहार को बदनाम करता रहेगा?’ ट्वीट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग कर करते हुए लिखा- ”सीएम नीतीश कुमार तत्काल मामला दर्ज करवा कर गिरफ्तारी करवाएं। केंद्रीय मंत्री हैं तो कुछ भी बकेंगे, ऐसे ही जहर फैलाएंगे? सख्त से सख्त कार्रवाई करें।”
क्या है बिहार सरकार का फैसला?
बता दें कि बिहार सरकार ने रमजान के महीने में अपने मुस्लिम कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने रमजान में मुस्लिम कर्मचारियों को तय समय से एक घंटे पहले ऑफिस आने और एक घंटे पहले जाने की छूट दी गई है। बिहार सरकार की ओर से राज्य सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बिहार सरकार के सभी मुस्लिम कर्मचारियों और अधिकारियों को रमजान के महीने में निर्धारित समय से एक घंटे पहले ऑफिस आने और निर्धारित समय से एक घंटे पहले ऑफिस से जाने की अनुमति होगी।
बिहार सरकार के इस फैसले पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। भाजपा का कहना है कि इस तरह से किसी विशेष वर्ग के लिए अलग से छूट देना उचित नहीं है। जब रमजान को लेकर छूट मिल सकती है तो क्या रामनवमी को लेकर क्यों नहीं?