नीतीश कुमार के प्रधान सचिव आमलोगों की तरह शहर में निकले, सड़क किनारे चाय-गोलगप्प खाकर लिया फिडबैक, देखें तस्वीर
देश में वैसे तो आपने हजारों सीनियर आईएएस अधिकारियों को देखा होगा जो बिना लाव लश्कर के घर से बाहर कदम तक नहीं रखते हैं लेकिन आज हम आपको बिहार के एक ऐसे पावरफुल और सीनियर आईएएस अधिकारी के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी पावर से ज्यादा सादगी को लेकर चर्चा होती है. इनकी सादगी ऐसी है कि बिना किसी बॉडीगार्ड और तामझाम के सड़क पर जायजा लेने निकल जाते हैं.
हम बात कर रहे हैं बिहार कैडर के 1991 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी डॉक्टर एस सिद्धार्थ की, जो अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव हैं, साथ ही साथ इनके पास कैबिनेट सेक्रेटरी और वित्त विभाग की जिम्मेदारी है. लेकिन इस अफसर की सादगी ऐसी है कि मंगलवार को चैती छठ का सुबह में सूर्योदय का अर्घ्य देने के बाद दिन में मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा और फिर सचिवालय में वित्त विभाग का काम निपटा कर पहुंच गए भगवान बुद्ध की पावन धरती यानी गया.
डॉक्टर एस सिद्धार्थ बुधवार की अहले सुबह गया कि सड़कों पर आम लोगों के बीच पहुंच गए. यहां डॉक्टर सिद्धार्थ ने पहले आम आदमी की तरह गया शहर की साफ-सफाई का कर रहे नगर निगम के गाड़ी चालक से बात की फिर वहां से पहुंच गए रिक्शा वाले के पास. उनकी जिंदगी कैसे चल रही है, उसके बारे में इस अफसर ने जानने की कोशिश की, फिर वहीं लगे ठेले पर लिट्टी और छोले का स्वाद लेने के बाद ठेठ देहाती गांव गवाई के लोगों की तरह पानी-पीने वाले जग से सड़क के किनारे पानी पीते दिखे. सिद्धार्थ ने भगवान बुद्ध के दर्शन और शांति पाठ के बाद दोपहर में गया सर्किट हाउस में नगर निगम कमिश्नर और जिलाधिकारी से मीटिंग कर कई निर्देश दिए.
बिहार के इस ईमानदार और स्वच्छ छवि के आईएएस अधिकारी की एक और खासियत है. आम लोगों की समस्या पर इनकी नजरें पैनी रहती हैं और गरीब मजलूम की समस्या जानकर उसका निपटारा करने में इनको बहुत आनंद आता है. जब बिहार के विकास की बात होगी तो किसी काम को कम समय में बहुत अच्छा और जनता के लिए फायदेमंद कैसे हो सकता है, उसमें इनकी दिलचस्पी सबसे अधिक रहती है.





