बिहार में दिखाई देगा या नहीं हाइब्रिड सूर्य ग्रहण, कैसा रहेगा इसका असर?
साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण वैशाख अमावस्या के दिन यानी आज लग गया। यह सूर्य ग्रहण संकर या हाइब्रिड किस्म का है, जिसका दुर्लभ नजारा आसमान में नजर आएगा। यह शताब्दी में गिनी-चुनी बार ही देखने को मिलता है।
क्यों कहा जा रहा हाइब्रिड सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। यह साल का पहला हाइब्रिड सूर्य ग्रहण है। हालांकि, यह ग्रहण पूरे भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए बिहार में भी नहीं दिखेगा।
वैशाख अमावस्या पर इस बार एक ही दिन में तीन सूर्य ग्रहण नजर आने हैं, जिसे वैज्ञानिकों ने हाईब्रिड सूर्य ग्रहण का नाम दिया है। यानी कि यह सूर्य ग्रहण अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग रूप में दिखाई देगा। कुछ जगहों पर पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा तो कुछ जगहों पर आंशिक सूर्य ग्रहण तो वहीं कुछ जगहों पर कंकणाकृति सूर्य ग्रहण के रूप में नजर आएगा।
कितनी तरह का होता है सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण कई तरह का होता है। पहला- पूर्ण सूर्य ग्रहण। इसे खग्रास सूर्य ग्रहण कहा जाता है। दूसरा- आंशिक सूर्य ग्रहण, जिसे खंडग्रास सूर्य ग्रहण कहते हैं। तीसरा- कंकणाकृति सूर्य ग्रहण। इस दिन कंकड़ की तरह ग्रहण दिखता है। चौथा- संकरित सूर्य ग्रहण, जिसे विज्ञान की भाषा में हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जाता है। 20 अप्रैल को यही सूर्य ग्रहण लगा है।