BPSC व शिक्षा विभाग के बीच बैठक, शिक्षक भर्ती परीक्षा में पैटर्न वस्तुनिष्ठ करने पर विचार, निगेटिव मार्किंग की भी संभावना नहीं
स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के शिक्षकों की भर्ती के लिए बीपीएससी से होने वाली परीक्षा, पैटर्न और सिलेबस सहित विभिन्न मुद्दों पर शुक्रवार को चर्चा हुई। लगभग 2.50 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा का पैटर्न वस्तुनिष्ठ हो सकते हैं। निगेटिव मार्किंग की संभावना नहीं है। कितने अंकों की परीक्षा होगी, इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। कक्षा 1 से 12 तक के लिए परीक्षा एक साथ लिया जाए या फिर अलग-अलग। शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर बैठक में प्रारंभिक विमर्श हुई।
बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह और सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी मौजूद थे। सिलेबस से लेकर योग्यता तक की बिंदु पर भी अधिकारियों के बीच चर्चा हुई। नियोजित शिक्षकों और नए फ्रेश अभ्यर्थियों की एक साथ ही परीक्षा लेने, परीक्षा में उत्तीर्णता के लिए कट ऑफ मार्क्स कितना होगा इस पर भी अंतिम निर्णय होना है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए कट ऑफ 45 अंक और सामान्य के लिए 50 प्रतिशत रखा जा सकता है। वैकेंसी जल्द जारी कर दिया जाए, इससे संबंधित बिंदुओं पर चर्चा हुई।
रिक्तियां न देने पर सात जिलों के डीइओ को कारण बताओ नोटिस
शिक्षा विभाग ने नियोजन इकाइयों से रिक्तियों की जानकारी न भेजने पर सात जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस मामले में सात जिलों मधुबनी, सहरसा, सीतामढ़ी, दरभंगा,सीवान, मधेपुरा और बांका के जिला शिक्षा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. नवागत निदेशक ने आधिकारिक आदेश में स्पष्टीकण 24 घंटे के अंदर देने को कहा है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा है कि समय पर जवाब नहीं दिया तो संबंधित पदाधिकारी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.
सभी नियोजन इकाइयों से मांगी गयी थी रिक्तियों
जानकारी के मुताबिक राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली के क्रियान्वयन के क्रम में जिला पंचायत एवं नगर निकाय क्षेत्र की सभी नियोजन इकाइयों से रिक्तियों की जानकारी तलब की गयी थी. इस क्रम में इन जिलों से जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं करायी है, जिसकी वजह से रिक्तियों के सरेंडर करके नयी नियमावली की मंशा के अनुरूप नियुक्तियों के लिए रखा जाना है.