‘एकला’ चलेंगे चिराग पासवान, BJP से गठबंधन नहीं! बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी लोजपा रामविलास
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लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान ने बिहार में ‘एकला चलो रे’ रणनीति पर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। लोजपा (रामविलास) बिहार की सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करेगी। शुक्रवार को पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। चिराग की बीजेपी से करीबी और एनडीए में वापसी की अटकलों के बीच यह चौंकाने वाला फैसला माना जा रहा है। चिराग पासवान के इस कदम के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
लोजपा (रामविलास) ने पटना में शुक्रवार को राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इसमें पार्टी के मुखिया चिराग पासवान भी शामिल हुए। चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। बैठक में पार्टी पदाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए गए।
क्या है चिराग पासवान की प्लानिंग?
लंबे समय से चिराग पासवान की एनडीए में वापसी की अटकलें लगाई जा रही है। अपने पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा में टूट हुई थी, फिर चिराग एनडीए से अलग हो गए थे। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उनके एनडीए में वापस शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, अब लोजपा (रामविलास) के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर चिराग पासवान की क्या प्लानिंग है।
माना जा रहा है कि चिराग आगमी लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए या किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे। वे राज्य की लगभग सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और दूसरी पार्टियों की टेंशन बढ़ाएंगे।
महागठबंधन के लिए बड़ा वोट कटवा साबित हो सकते हैं चिराग
चिराग पासवान के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद मुख्यमंत्रीती नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की चिंता बढ़ सकती है। लोजपा रामविलास आगामी चुनाव में महागठबंधन के लिए वोट कटवा साबित हो सकती है। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी लोजपा रामविलास किसी भी गठबंधन में नहीं थी। उसने बीजेपी को छोड़ सभी दलों के सामने अपने उम्मीदवार उतारे थे। इससे जेडीयू को कोई सीटों पर वोटों का नुकसान हुआ और उसे महागठबंधन से हार मिली। हालांकि, लोजपा रामविलास एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई, मगर उसने नीतीश के वोटबैंक में भारी सेंधमारी की थी।
नीतीश ने बीजेपी पर आरोप लगाए कि उसने चिराग के जरिए जेडीयू को कमजोर करने की साजिश की। नीतीश कुमार एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल होने की बड़ी वजह यही बताते हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी चुनावों में भी चिराग पासवान अकेले रहकर कई सीटों पर महागठबंधन का गणित बिगाड़ सकते हैं। इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है।