बार-बार की हार से बौखलाये पप्पू यादव? कहा- दोमुंहा नाग है जनता, 500 में बिक जाती है
जाप प्रमुख पप्पू यादव को पिछले कई चुनावों से हार का सामना करना पड़ रहा है. बिहार में लगातार मिल रही हार से वह हताश हो गए हैं. जिसके बाद जनता को ही वह दोषी ठहराने लगे हैं. पप्पू यादव अब जनता के लिए अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, जनता को दोमुहां नाग बता रहे हैं. दरअसल बिहार की राजनीति में पप्पू यादव की पार्टी JAP कोई कमाल नहीं कर पा रही है. पप्पू यादव मीडिया की सुर्खियों में तो रहते हैं लेकिन उनकी पार्टी को जनता वोट नहीं देती है. लगातार मिल रही हार से वह हताशा हैं इसके बाद उनका फ्रस्ट्रेशन जनता के खिलाफ निकाल रहा है.
दरअसल पप्पू यादव दिल्ली के जंतर मंतर पर कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच के खिलाफ धरने में शामिल होने पहुंचे थे. यहां उन्होंने पहले पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़ास निकाली.
500 में बिकती है जनता
इस बीच वहां मौजूद किसी शख्स ने कहा कि जनता पहलवानों के साथ गलत करने वाले को जवाब देगी. पप्पू यादव यह सुनकर नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि जनता असली दोमुंहा सांप है. जनता से ज्यादा खतरनाक कोई और नहीं है. जनता हिन्दू-मुस्लिम जात- पात के अलावा कुछ और नहीं जानती है. इनको पांच सौ रुपए दीजिए और वोट खरीद लीजिए.
बिहार के बाहुबली नेता रहे पप्पू यादव अब अलग तरह की राजनीति कर रहे हैं. पटना बाढ़ हो या कोरोना काल पप्पू यादव बिहार के लोगों की मदद के लिए आगे रहे. पटना में बाढ़ के दौरान सीने तक पानी में जाकर लोगों को खाना पहुंचाने वाले पप्पू यादव की तस्वीर तब मीडिया की सुर्खियों मे रही थी. कोरान काल में भी जब ज्यादातर नेता घर से बाहर नहीं निकल रहे थे तब पप्पू यादव अस्पतालों का दौरा करते थे. दवाई और ऑक्सीजन की व्यवस्था में लगे थे. उस दौरान सबने पप्पू यादव की सराहना की.
हताश हैं पप्पू यादव
लोगों ने पप्पू यादव की तारीफ तो खूब की लेकिन वोट नहीं दिया. उनकी पार्टी पूरे बिहार में किसी सीट पर मुकाबले में भी नहीं रही. पप्पू यादव भी चुनाव हार गए. इसके बाद पप्पू यादव में हताशा है. वह जनता को कोस रहे हैं उनके लिए गाली गलौच वाली भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. एक तरह जनता पप्पू यादव पर विश्वास नहीं कर रही है, दूसरी तरफ बिहार के राजनीतिक दल भी उन्हें भाव नहीं दे रहे हैं. पप्पू यादव कांग्रेस से लेकर नीतीश कुमार सबके साथ जाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है.