मनीष कश्यप के खिलाफ ना NSA हटा सकते हैं ना ही FIR रद्द कर सकते हैं, सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार ने दिया जवाब
यूट्यूबर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) की गिरफ्तारी और उन पर एनएसए (NSA) लगाने के मामले में 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। तमिलनाडु सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) और जस्टिस पीएस नरसिम्हा के उस सवाल का जवाब दिया कि आखिर मनीष कश्यप के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) क्यों लगाया गया?
तमिलनाडु सरकार की 3 दलील
पहली दलील: तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक एफिडेविट दाखिला किया, जिसमें एक-एककर NSA लगाने की वजहें बताई गई हैं। सरकार ने दलील दी कि मनीष कश्यप के खिलाफ न तो FIR रद्द की जा सकती है और न ही एनएसए, क्योंकि उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासियों की पीट-पीटकर हत्या की बात कहते हुए डॉक्टर्ड वीडियो बनाए और उसके बैकग्राउंड में फर्जी क्लिप इस्तेमाल की।
दूसरी दलील: तमिलनाडु सरकार ने दलील दी कि मनीष कश्यप (Manish Kashyap) जब तमिलनाडु आए तो उन्होंने प्रवासियों से जानबूझकर उकसाने वाले सवाल पूछे। उनके सवाल से वैमनस्य और उनका दृष्टिकोण साफ जाहिर हो रहा था।
तीसरी दलील: सरकार ने तीसरी दलील में कहा कि मनीष कश्यप ने वीडियो से छेड़छाड़ की और जानबूझकर फेक न्यूज़ फैलाया, क्योंकि उनका मकसद सांप्रदायिक हिंसा भड़काना था।
क्या है मनीष कश्यप की मांग?
यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने बिहार और तमिलनाडु में दर्ज एफआईआर को क्लब करने की मांग की है और जमानत भी मांगी है। मनीष कश्यप को पहले बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया था, बाद में तमिलनाडु पुलिस को सौंप दिया था। कश्यप के खिलाफ दोनों राज्यों में फेक न्यूज और कथित सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के आरोप में 6 एफआईआर दर्ज हैं। तमिलनाडु सरकार ने उनपर एनएसए भी लगाया है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा था- NSA क्यों लगाया?
इससे पहले, पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप को अपनी याचिका में संशोधन की अनुमति दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं, लेकिन सभी केस बिहार ट्रांसफर करेंगे। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तमिलनाडु सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) से तीखे सवाल पूछे थे।
सीजेआई ने पूछा था कि आखिर मनीष कश्यप पर एनएसए लगाने की नौबत क्यों आई? इस आदमी के खिलाफ ऐसी बदले की भावना क्यों? सिब्बल ने जवाब दिया था कि मनीष कश्यप तमिलनाडु गए और उन्होंने जानबूझकर ऑनलाइन फेक वीडियो अपलोड किए। सिब्बल ने दलील दी थी कि मनीष कश्यप चुनाव भी लड़ चुके हैं और उनके खिलाफ पहले से मुकदमें दर्ज हैं।
NSA पर क्या रहा है सुप्रीम कोर्ट का रुख?
मनीष कश्यप से पहले भी सुप्रीम कोर्ट, कई मामलों में NSA लगाने को गंभीर टिप्पणी कर चुका है। हालिया मामला समाजवादी पार्टी के नेता युसूफ मलिक से जुड़ा है। मलिक पर यूपी सरकार ने राजस्व बकाया से जुड़े मामले में एनएसए लगाया था। जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उच्चतम न्यायालय दंग रह गया।
यूपी सरकार को लग चुकी है फटकार
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने दो टूक कहा था कि यह कानून का दुरुपयोग है और राजनीतिक मामलों में तो इस तरीके से एनएसए लगाया ही नहीं जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अथॉरिटीज ने NSA लगाते वक्त अपने दिमाग का इस्तेमाल किया ही नहीं और पूरी प्रक्रिया तक नहीं देखी।