Bihar

बिहार शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत आरक्षण से लेकर भर्ती प्रक्रिया तक, सबकुछ यहां समझें

बिहार में नई शिक्षक नियमावली को कैबिनेट ने स्वीकृत कर दिया है। राज्य के लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक इसके तहत अब परीक्षा देने के बाद राज्यकर्मी कहे जा सकेंगे। यह परीक्षा आयोग की ओर से ली जाएगी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसको लेकर असंतोष उभरेगा। हालांकि शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने भविष्य में शिक्षक की नौकरी के आकर्षक होने के संकेत दिए हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा है कि ‘शिक्षकों का वेतन आकर्षक होगा। हर तरह की सेवाएं होगी। सरकारी कर्मी का दर्जा मिलेगा। आकर्षक श्रेणी होगी। नियोजित शिक्षकों को प्रतियोगिता परीक्षा में बैठना होगा। बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा का आयोजन करेगी। फिलहाल सवा दो लाख शिक्षकों की बहाली की जाएगी, जबकि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अन्य पदों पर 40-45 हजार अन्य पदों पर नियुक्ति होगी।’

नई शिक्षक नियमावली की खास बातों को जानिए…

बिहार राज्य विद्यालय शिक्षक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली 2023 को स्वीकृति देते हुए कहा गया है कि नियुक्ति सीधे राज्य सरकार के द्वारा आयोग के माध्यम से प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर की जाएगी। अब विद्यालय अध्यापक का संवर्ग राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन होगा और वे राज्य सरकार के कर्मी होंगे। वर्ष 2006 से अब तक पंचायतीराज संस्था और नगर निकायों के अंतर्गत नियुक्त शिक्षक भी इसी नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लेकर इस नए संवर्ग में आ सकेंगे।

शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन राजकीय, राजकीय बुनियादी विद्यालय, राजकीयकृत और प्रोजेक्ट कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियुक्त होने वाले विद्यालय अध्यापक का स्तरवार व विषयवार अलग-अलग संवर्ग होगा। प्राथमिक और मध्य विद्यालय के मूल कोटि व स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक तथा माध्यमिक विद्यालय एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय में विषयवार विद्यालय अध्यापक के अलग-अलग कैडर होंगे।

सीधी नियुक्ति से पद भरे जाएंगे

विद्यालय शिक्षक के सभी पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा चिह्नित आयोग के माध्यम से पात्र अभ्यर्थियों का लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन कर इसकी अनुशंसा शिक्षा विभाग को की जाएगी। शिक्षा विभाग द्वारा इस अनुशंसा को संबंधित जिला के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जो इस संवर्ग के अध्यापक के नियुक्ति प्राधिकार होंगे, को नियुक्ति के लिए अग्रसारित कर दिया जाएगा।

आवेदक को भारत का नागरिक और बिहार राज्य का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। विद्यालय अध्यापक के पद का वेतन राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। विद्यालय शिक्षक के विभिन्न संवर्गों का पद वही होगा जो सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाएगा। अन्य सेवा शर्त राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी।

नियुक्ति के लिए अनिवार्य अर्हता होगी

  • राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा समय-समय पर निर्धारित शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक योग्यता धारित करता हो।
  • विशेष विद्यालय अध्यापक के लिए अर्हता भारतीय पुनर्वास परिषद के अनुरूप अनुमान्य होगा।
  • राज्य सरकार और केन्द्र सरकार द्वारा समय-समय पर ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण हो।
  • वर्ष 2012 से पूर्व नियुक्त और कार्यरत शिक्षक, जो दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण होंगे के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णता अनिवार्य नहीं होगी।
  • विषय विशेष के लिए अलग से विशेष अर्हता का निर्धारण विभाग द्वारा समय-समय पर किया जाएगा।

आरक्षण किस तरह से होगा

राज्य सरकार के अधीन सीधी नियुक्ति में सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा लागू आरक्षण का प्रावधान प्रभावी होगा। लेकिन प्राथमिक और मध्य विद्यालय के मूल कोटि व स्नातक कोटि के विद्यालय अध्यापक के पद पर प्रत्येक विषय में न्यूनतम 50 प्रतिशत महिला अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। विषम संख्या रहने पर अंतिम पद महिला अभ्यर्थी के लिए चिह्नित किया जाएगा।

नियुक्ति प्रक्रिया इस तरह होगी

कोई अभ्यर्थी इस नियमावली के अंतर्गत अधिकतम तीन बार परीक्षा में भाग ले सकेगा। इस नियमावली के अधिसूचित होने की तिथि से पूर्व की नियमावलियों द्वारा नियुक्त बिहार जिला परिषद्/नगर निकाय माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं बिहार पंचायत/नगर निकाय प्रारंभिक विद्यालय के शिक्षकों का वर्ग यथावत रहेगा।

एक जिला से दूसरे जिला जा सकेंगे शिक्षक

नई नियमावली के तहत बहाल होने वाले शिक्षकों का पद ट्रांसफरेबल होगा। ट्रांसफर प्रशासनिक, ऐच्छिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से होगा। इसके लिए प्राथमिक और मध्य विद्यालय के सक्षम प्राधिकार प्राथमिक शिक्षक निदेशक होंगे। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों का सक्षम प्राधिकार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक होंगे। जिला बदले जाने पर वरीयता सूची में नुकसान होगा।

अनुकंपा पर नौकरी मिलेगी

इस नियमावली के तहत सेवा काल के दौरान शिक्षकों की मौत पर उनके आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी मिलेगी।

Avinash Roy

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