बिहार में शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली पर आखिरकार सरकार ने मुहर लगा दी है। सूबे के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पिछले तीन महीने से कह रहे थे कि शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली तैयार है लेकिन मामला अटका पड़ा था. आज आखिरकार नीतीश कैबिनेट की बैठक में 7वें चरण की शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली पर मुहर लगा दी गयी।
इससे सूबे में तकरीबन सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि हम स्पष्ट कर दें कि अभी सिर्फ नियमावली को मंजूरी मिली है, नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला नहीं लिया गया है। नयी नियमावली में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। सरकार शिक्षक नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी जो शिक्षकों की नियुक्ति करेगा।बिहार में सरकारी स्कूलों के शिक्षक पहले पंचायती राज या नगर निकाय के अधीन होते थे, अब वे सीधे राज्य सरकार के अधीन होंगे और राज्यकर्मी कहलायेंगे।
आयोग के जरिये होगी नियुक्ति
बिहार कैबिनेट ने आज बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई और सेवाशर्त नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी है। इस नियमावली में शिक्षक नियोजन का अधिकार पंचायतों व नगर निकायों से वापस ले लिया गया है। पूरी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी, त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से केंद्रीयकृत एवं निष्पक्ष आयोग से कराने की रूपरेखा तैयार की गयी है। पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाइयां थीं, जबकि नयी नियमावली में नियोजन इकाइयों की संख्या जिलों की संख्या के बराबर अर्थात 38 रह जाएगी। सरकार नियुक्ति के लिए आयोग बनायेगी। अब अभ्यर्थियों को उसी आयोग में केवल एक आवेदन करना होगा। इसी में वे स्कूलों में पदस्थापन का विकल्प रखेंगे, जबकि पहले एक अभ्यर्थी कई नियोजन इकाइयों में आवेदन करने को मजबूर होता था।
सरकार ने शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2020 में कई महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई है. तीन महीनों के इंतजार के बाद नयी नियमावली को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. इसी के आधार पर सातवें चरण में शिक्षकों की भर्ती होगी. नयी नियमावली में शिक्षकों के ट्रांसफर का भी प्रावधान किया गया है. वहीं महिलाओं के लिए 50 परसेंट आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
मेधा सूची कैसे बनेगी
पुरानी नियुक्ति नियमावली में मेधा अंक की गणना नियोजन इकाई द्वारा मैट्रिक, इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं प्रशिक्षण में प्राप्त अंकों के प्रतिशत एवं पात्रता परीक्षा में प्राप्त अंकों के वेटेज के आधार पर होती थी. नई नियमावली में भी लगभग वही व्यवस्था बनी रहेगी और मेधा अंक के आधार पर आयोग द्वारा प्रशासी विभाग के परामर्श से निर्धारित किया जाएगा।
फायदा क्या
पहले नियुक्ति हेतु चयन की अनुशंसा नियोजन इकाई द्वारा की जाती थी, परंतु नई व्यवस्था के तहत नियुक्ति हेतु चयन की अनुशंसा प्रस्तावित आयोग द्वारा किया जाएगा. अलवत्ता चयनित अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण जिला प्रशासन करेगा. केंद्रीयकृत और ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की जा रही है. आवेदकों को केवल एक आवेदन देना होगा. जबकि उनकी उम्मीदवारी उनके दिए गए विकल्पों के अनुसार सभी जगह होगी. इससे आवेदकों के धन एवं श्रम की बचत भी होगी।
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