बिहार: राजनाथ सिंह पर बयान देनेवाले पूर्व विधायक ने मांगी माफी, कहा गिल्टी फील हो रहा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर भाजपा के पूर्व विधायक व लोजपा नेता अच्युतानंद सिंह ने माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि गिल्टी फील कर रहा हूं। राजनाथ सिंह हमारे परिवार के लोग हैं। उनका सम्मान करते हैं। राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं होते तो नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं होते।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राजनाथ सिंह पर पर कतरा गया। इस पर मैंने राजनाथ सिंह के समर्थन में मुहावरा का इस्तेमाल किया था। इस पर अगर कोई हमपर आरोप लगा रहा है तो मैं माफी मांगता हूं।
मामला रविवार को वैशाली में आयोजित वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव कार्यक्रम का है। अच्युतानंद सिंह मंच से बोलते-बोलते कहने लगे कि राजनाथ सिंह ‘पिछलगुआ’ हैं। एक पालतु पशु की प्रजाति का नाम लेते हुए कहा कि पार्टी में उनकी उतनी भी पूछ नहीं है।
अपने ही समाज के लोग करते हैं विरोध
अच्युतानंद सिंह ने अपनी सफाई में आजादी की पहली लड़ाई के दौर का उदाहरण दिया। कहा कि वह आंदोलन बहादुर शाह जफर के नेतृत्व में लड़ा गया था। उनके साथ बाबू कुंवर सिंह और झांसी की रानी समेत कई समाज के लोग थे। लेकिन डुमरांव महाराज सवा लाख राजपूतों को लेकर उन्हीं का विरोध कर रहे थे।
अच्युतानंद सिंह से सवाल किया गया कि क्या लोजपा में होने की वजह से उन्होंने भाजपा नेता के खिलाफ बयान दिया है, इस पर उन्होंने कहा कि जब हम भाजपा में थे तो भी लोजपा के खिलाफ कभी नहीं बोले। अब जब लोजपा में हैं तो भी भाजपा के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं। जो बात देश हित में है, उसी पर बोलते हैं।
भरे मंच पर हुआ हंगामा, छीना गया माइक
पूर्व विधायक अच्युतानंद सिंह के बयान से भाजपा के नेता मौके पर ही भड़क गए थे। तुरंत ही हंगामा शुरू हो गया। मामला बढ़ता देख बीच-बचाव कर किसी तरह माहौल शांत किया गया। पूर्व विधायक की बातें सुनते ही वहां मौजूद भाजपा के नेताओं ने विरोध कर दिया। उनका माइक छीन लिया गया और दोनों नेताओं के समर्थक आपस मे भिड़ गए। मंच पर पातेपुर के भाजपा विधायक लखेन्द्र रौशन भी मौजूद थे। उन्होंने भी पूर्व विधायक को खरी-खोटी सुना दी। कह दिया कि भाजपा नहीं पूछती तो इनकी हालात कुत्तों जैसी हो जाती।
लखेन्द्र रौशन ने पहले तो अच्युतानंद सिंह को मानसिक रूप से कमजोर बताया। फिर कहा कि अगर भाजपा का आशीर्वाद नहीं मिलता तो वह विधायक नहीं बनते और उन्हें कुत्ता भी नहीं पूछता।