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जेल से रिहा होंगे बाहुबली आनंद मोहन, बोले-बिहार सरकार या MLA बेटे की वजह से नहीं मिली रिहाई

गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बिहार के बाहुबली और सांसद रहे आनंद मोहन को 26 या 27 अप्रैल को जेल से रिहा किया जाएगा। रिहाई से पहले आनंद मोहन ने बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा -यदि जेल के नियमों में संशोधन नहीं भी होता तो भी मैं जेल से बाहर आ जाता। इसे लेकर आप चाहें तो कानूनी मामलो को देख लीजिये। ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि जिस दिन ये हादसा हुआ था उस दिन मेरे से कोई चूक नहीं हुई थी, बेवजह मुझ पर आरोप लगाया गया।

मैं किसी मायावती को नहीं जानता

आनंद मोहन के जेल से मिली रिहाई की खबर पर बसपा नेता मायावती ने बिहार की नीतीश सरकार से कहा था कि एक बार इस मामले में देख लीजिएगा। इस बाबत पूचे जाने पर आनंद मोहन ने तंज कसा और कहा-मैं किसी मायावती को नहीं जानता। कौन हैं ये मायावती, हां, मैं कलावती को जरूर जानता हूं। महागठबंधन की सरकार या बेटे के विधायक होने की वजह से मेरी रिहाई नहीं हुई है।

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आनंद मोहन ने आगे कहा कि जिनको जो आरोप लगाना है लगाएं.. मुझे बाहुबली कहना हो जो कहना हो कहें। मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देता। मैं जेल से बाहर आने के बाद बिहार की राजनीति में सक्रिय हो सकता हूं। मुझे जेल का लंबा अनुभव मिला, वहां कई रास्ते हैं, कुछ अच्छा भी और कुछ बुरा भी। वहां तो खैनी-गांजा सब मिलता है। अच्छे-बुरे में से मैंने अच्छा वाला रास्ता चुना।

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आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मायावती ने कसा तंज

बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर पूरे देश में चर्चा जोरों पर है। बिहार सरकार ने विधि विभाग के तहत आनन्द मोहन के रिहाई को लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दिया है। आनन्द मोहन के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई को लेकर आनंद मोहन को 15 दिनों का पे रॉल मिला है और वे जेल से बाहर हैं। इस बीच बिहार सरकार ने गिफ्ट के तौर पर चेतन आनंद को उनके पिता आनंद मोहन को रिहा करने का पत्र जारी कर बड़ा गिफ्ट दिया है ।

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बता दें कि आनन्द मोहन के साथ अन्य 27 कैदियों को भी रिहा किया जा रहा है। कैदियों की रिहाई को लेकर 2012 के नियमावली को संशोधित कर अधिसूचना जारी की गई है, जिसे लेकर पूरे देश में राजनीति गरमा गई है। मायावती ने तो इस नियमावली और रिहाई पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि ये तो दलितों के साथ अन्याय हो रहा है। बता दें कि आनन्द मोहन के ऊपर जिस आईएएस अधिकारी की हत्या का आरोप लगा है वह दलित समाज से थे।

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