अब पीटीसी परीक्षा पास सिपाही भी करेंगे केसों का अनुसंधान, नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की अहम बैठक हुई। आज की कैबिनेट मीटिंग में कुल 11 एजेंडों पर नीतीश सरकार ने मुहर लगाई है। कैबिनेट का सबसे अहम फैसले के अनुसार पीटीसी प्रशिक्षित सिपाहियों को भी केस के अनुसंधान का जिम्मा दिया है। कैबिनेट से यह प्रस्ताव पास हो गया है।
बिहार पुलिस के पीटीसी प्रशिक्षण उतीर्ण सिपाही रैंक के पुलिस अधिकारियों को अन्य राज्यों की तर्ज पर अनुसंधान की शक्ति दी गई है। इसके लिए बिहार पुलिस हस्तक 1978 में संशोधन किए गए हैं। कैबिनेट मीटिंग के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि रिजर्वेशन में आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित है। इस वजह से प्रमोशन की कार्यवाही बाधित है। प्रमोशन रूके होने की वजह से जांच अधिकारी की कमी है। ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है कि जो सिपाही प्रमोशन के कगार पर हैं, पीटीसी परीक्षा उत्तीर्ण हैं, उन्हें केस के अनुसंधान का जिम्मा दिया जाए। अन्य राज्यों में भी यही व्यवस्था लागू है।
कैबिनेट के एक अन्य फैसले के अनुसार दरभंगा में एम्स के निर्माण के लिए 189 एकड़ चिह्नित जमीन में मिट्टी भराई, समतलीकरण और चहारदीवारी निर्माण के लिए 309 करोड़ स्वीकृत किया गया है। बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है।
बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग संकाय के अंतर्गत नियोजित सहायक प्राध्यापकों का एक अप्रैल 2023 से 30 मार्च 2024 तक 1 वर्ष तथा भौतिकी, रसायन, गणित एवं अंग्रेजी संकाय के अंतर्गत नियोजित सहायक प्राध्यापकों को 1 अप्रैल 2023 से 30 सितंबर 2023 यानि 6 माह तक या सहायक अध्यापक के रिक्त पदों पर नियुक्ति होने तक जो भी पहले हो सभी का अवधि विस्तार किया है। 2.5 फीसदी बिहार जमीदारी उन्मूलन क्षतिपूरक बंध पत्र को भारतीय रिजर्व बैंक से वित्त विभाग बिहार को हस्तांतरित करने एवं वित्त विभाग को इसके प्रबंधन हेतु नोडल विभाग एवं सचिवालय कोषागार को इसका नोडल कोषागार बनाए जाने की स्वीकृति मिली है।