बिहार में आंधी-पानी ने मचाई तबाही, 7 लोगों की मौत, 8 घायल: मोका तूफान के चलते 9 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में रविवार देर रात आयी आंधी-पानी ने भारी तबाही मचायी। अलग-अलग जगहों पर चार लोगों की जान चली गयी। कई लोगों के घरों के छप्पर और टीन उड़ गये। सड़कों पर जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे गिर पड़े। अधिकतर जिलों में घंटों बिजली गुल रहने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हुआ।
मधेपुरा के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के जोरगामा में रविवार रात करीब 11.30 बजे आंधी बारिश के दौरान दरबाजे पर मक्का ढकने के दौरान परमेश्वर यादव के पुत्र रुद्रनारायण यादव (63) हादसे का शिकार हो गए। बाहर से उड़ कर आया टीन की छत उनके सिर पर गिर गया। सिर फटने से मौके पर ही उनकी मौत हो गयी। दूसरी ओर सिंहेश्वर थाना क्षेत्र के पटोरी गांव में कच्चे घर की दीवार ढहने से मलेब में दबकर उम्दा देवी (45) की मौत हो गई। वहीं जजहट सबैला पंचायत घर का पिलर सिर पर गिरने से अरहुल देवी (63) की मौके पर ही मौत हो गई। सुपौल के प्रतापगंज में नारियल का पेड़ बच्ची के शरीर पर गिरने से उसकी मौत हो गयी। वहीं बांका जिले के सुइया थाना क्षेत्र के लोहटनियां गांव में बिजली का तार गिरने से शंभू यादव(55) की मौत हो गई।
ट्रेनें प्रभावित
भागलपुर-दुमका रेलखंड के भागलपुर स्टेशन से टिकानी स्टेशन के बीच ताड़ का पेड़ ओएचई लाइन पर गिर जाने के कारण रविवार देर रात से सुबह 7.10 बजे तक रेल परिचालन पूरी तरह बाधित रही। करीब पांच घंटे बाद रेलकर्मियों द्वारा ताड़ के पेड़ को हटाए जाने के बाद स्थिति सामान्य हुई। इस दौरान देवघर अगरतला, बांका इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत पैंसेजर ट्रेनें का परिचालन प्रभावित रहा।
सहरसा-पूर्णिया रेलखंड के मुरलीगंज-बुधमा बीच ट्रैक पर पेड़ की टहनी गिरने से कोसी एक्सप्रेस को एक घंटे तक रोक कर रखा गया। टावर बैगन से ओएचई को दुरुस्त किया गया। जिस कारण पूर्णिया कोर्ट से कोसी एक्सप्रेस पौने तीन घंटे लेट सहरसा आयी। वहीं मनिहारी कटिहार से आने वाली जानकी एक्सप्रेस भी एक घंटे देर से सहरसा आई। आंधी में सहरसा स्टेशन पर एफओबी पर लगा लोहे का दो जाल टूटकर गिर पड़ा।
आम-लीची को नुकसान तो मूंग-जूट को फायदा
बारिश होने से आम व लीची के साथ मक्का की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। कृषि वैज्ञानिकों तथा किसानों की माने तो 15 से 20% आम की फसल को नुकसान हुआ है। वहीं मूंग व जूट समेत सब्जी के उत्पादक किसान खुश दिखे।