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बिहार, झारखंड में DoT का बड़ा एक्‍शन, फर्जी डॉक्‍यूमेंट्स पर जारी 2.25 लाख मोबाइल नंबर्स किए डीएक्टिविटेट

दूरसंचार विभाग ने अप्रैल के महीने में बिहार और झारखंड में 2.25 लाख मोबाइल नंबर बंद कर दिए हैं। इनमें से ज्‍यादातार सिम कार्ड कथि‍त तौर पर फर्जी दस्‍तावेजों पर लिए गए थे।

टेलीकाॅम सर्विस प्रोवाइडर्स ने 517 प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) को भी ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया है, जो प्रथम दृष्टया सिम कार्ड जारी करते समय अनैतिक और अवैध गति‍विधियों में शामिल पाए गए हैं।

दूरसंचार विभाग के विशेष महानिदेशक (लाइसेंस्‍ड सर्विस एरियाज़- एलएसए बिहार ) के एक बयान के अनुसार, अप्रैल 2023 में ही, दोनों राज्यों में 2.25 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है। ज्‍यादातर सिम कार्ड अवैध/अनैतिक साधनों के माध्यम से खरीदे गए थे।

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वहीं, इसके अलावा 517 पीओएस को ब्लैक लिस्ट किया गया है, क्योंकि वे सिम कार्ड जारी करते समय अनैतिक और अवैध व्यवहार में शामिल पाए गए थे।

टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स शुरू कर रहे कानूनी कार्रवाई

टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स फर्जी पीओएस के साथ-साथ ग्राहकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं। झारखंड भी डॉट के एलएसए (बिहार) के अधिकार क्षेत्र में आता है।

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उन्‍होंने अपने बयान में कहा कि प्राप्त नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के कई जिलों और झारखंड में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा एफआईआर दर्ज की गई है।

दूरसंचार विभाग, पटना कार्यालय भी राज्य पुलिस के संपर्क में है और उसने दूरसंचार सिम ग्राहक सत्यापन (एएसटीआर) विश्लेषण के लिएआर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और फेस रिकग्‍निशन से संचालित समाधान से तैयार की गई खुफिया जानकारी साझा की है।

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राज्‍य पुलिस ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

इसपर राज्य पुलिस ने भी आश्वासन दिया है कि सिम धोखाधड़ी करनेवालों (पीओएस/सबस्क्राइबर्स) के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। बिहार और झारखंड के लगभग सात करोड़ सिम ग्राहकों के चेहरे के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है और कार्रवाई करने के लिए खुफिया जानकारी एकत्रित की गई है।

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इसके अलावा दूरसंचार विभाग (बिहार) और टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और राज्य पुलिस ने सिम धोखाधड़ी करने वालों को पकड़ने के लिए एकजुट होकर काम करने पर सहमति जताई है। टेक्‍नोलॉजी पर बढ़ती निर्भरता के साथ साइबर धोखाधड़ी एक बड़ी चिंता बन गई है। सिम कार्ड भी इस देश के लगभग हर व्यक्ति की एक नई पहचान बन गया है।

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हालांकि, जैसा कि कहा जाता है कि कुछ भी कमी के बिना नहीं आता है, और सिम कार्ड के व्यापक उपयोग के कुछ अनपेक्षित परिणाम सामने आए हैं। कहा कि साइबर दुनिया में रोजाना नए तरह के अपराधी और पीड़ित सामने आ रहे हैं।

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दूरसंचार विभाग (नई दिल्ली) ने देश भर में 87 करोड़ सिम ग्राहकों के चेहरे का विश्लेषण किया है। यह विश्लेषण सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग के सहयोग से एएसटीआर का उपयोग करके किया गया है। विश्लेषण के परिणाम को दूरसंचार विभाग के साथ साझा किया गया है, ताकि टेलीकॉम सर्विसप्रोवाइडर्स और राज्य पुलिस की मदद से सिम धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

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