बिहार की ‘गरिमा’ की कहानी, बक्सर में रहकर बनीं 2nd टॉपर; पिता की मौत के बाद शुरू हुआ संघर्ष
इस साल के UPSC की परीक्षा में पूरे देश में दूसरा स्थान पाने वाली बिहार के बक्सर जिले की गरिमा लोहिया की सफलता के पीछे उसका एक लंबा संघर्ष है. UPSC की परीक्षा में गरिमा ने पूरे भारत में दूसरा स्थान लाकर राज्य का मान बढ़ाया है. गरिमा लोहिया (Garima Lohia) बक्सर जिले की रहने वाली है. वह तीन भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर है. बता दें कि गरिमा के पिता नहीं है. साल 2015 में उनका निधन हो गया था. UPSC Topper के पिता एक व्यवसाई थे.
गरिमा ने बक्सर से की दसवीं तक की पढ़ाई
पिता की मौत के बाद गरिमा की मां ने ही पूरे परिवार और तीन बच्चों को संभाला है. गरिमा की बड़ी बहन की शादी एक साल पहले हुई है. जबकि, गरिमा से छोटा उनका एक भाई है. गरिमा लोहिया की दसवीं तक की शिक्षा उनके गृह जिला बक्सर में हुई थी. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए बनारस और फिर दिल्ली चली गईं. दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की है. इसके बाद वह वापस बिहार आई थी.
गरिमा को संघर्ष की वजह से मिली सफलता
साल 2020 में कोविड के प्रकोप के कारण गरिमा को वापस बक्सर लौटना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने घर से ही यूपीएससी की पढ़ाई शुरू की और फिर बक्सर में रहकर देश की सर्वोच्च परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया है. आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इशिता किशोर ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 में टॉप किया है. इशिता ने ऑल इंडिया रैंक वन पाकर देश में पहला स्थान पाया है. वहीं, दूसरे स्थान पर बिहार की बेटी गरिमा लोहिया हैं. बता दें कि गरिमा को उनके संघर्ष की वजह से ही सफलता मिली है.