UPSC Results: दो बार फेल, तीसरी बार में टॉप 20 में जगह, जानें 17वां रैंक पाने वाले बिहार के अविनाश को
एक पिता के लिए वह क्षण बहुत ही बड़ा और भावुक हो जाता है जब उसके बेटे के नाम से उस पिता को लोग पहचानना शुरू कर देते हैं. मां की भावना शब्दों के रूप में लड़खड़ाती है लेकिन दिल को असीम सुखद भी एहसास करा जाती है वहीं पिता का सीना 56 इंच का हो जाता है.
अररिया के फारबिसगंज के बघुवा गांव में मंगलवार को कुछ ऐसा ही हुआ. गांव के अविनाश कुमार ने जब UPSC क्रैक कर 17 वां रैंक लाया तो सबसे पहले अविनाश ने फोन पर अपने माता-पिता को जानकारी दी जिसके बाद अविनाश के परिवार और गांव में ख़ुशी की लहर दौर पड़ी.
अविनाश की मां गृहनी हैं और पिता किसान. मां ने कैमरे पर भावुकता से ओतप्रोत होकर अपनी ख़ुशी जाहिर की तो पिता ने बेटे के बारे में बताया कि फारबिसगंज सरस्वती विद्या मंदिर से मैट्रिक के बाद बोकारो से उसने इंटर की पढ़ाई की और फिर दिल्ली से अपनी पढ़ाई पूरी कर एक कंपनी में 11 महीने जॉब भी किया. अविनाश कुमार की इस ऐतिहासिक सफलता के बाद परिवार से लेकर गांव में ख़ुशी की लहर नज़र आ रही है.
25 वर्षीय अविनाश कुमार ने यूपीएससी में तीसरे अटेम्पट में सफलता हासिल की है. पहले दो प्रयास में वो असफल हुए लेकिन हिम्मत नहीं हारी और तीसरी पारी में उन्होंने टॉप 20 में अपनी जगह बरकरार रखी. अविनाश के पिता अजय कुमार सिंह सेवानिवृत शिक्षक हैं और फिलहाल गांव में हीं खेती बाड़ी कर रहे हैं. पिता अजय कुमार सिंह ने बताया कि फारबिसगंज के रानी सरस्वती विद्या मंदिर से अविनाश ने दसवीं की परीक्षा 10 सीजीपीए से पास की.
अविनाश ने बारहवीं की पढ़ाई झारखण्ड के बोकारो के चिन्मय विद्यालय से पूरी की और 93.2 प्रतिशत मार्क्स लाया. इसके बाद बीटेक की पढ़ाई के लिए वो पश्चिम बंगाल के यादवपुर विश्वविद्यालय चले गए. इसके बाद प्राइवेट कम्पनी में 11 महीने जॉब भी किया उसके बाद जॉब छोड़कर उन्होंने यूपीएससी को लक्ष्य बनाते हुए साधना की और फिर इतिहास रच दिया.