समस्तीपुर Town

नजर हर खबर पर…

BiharNEWS

‘लोन न चुकाने पर गाड़ियों की जबरन जब्ती गलत’, पटना हाईकोर्ट ने बैंकों और वित्त कंपनियों को लताड़ लगाई

पटना उच्च न्यायालय कहा है कि कर्ज नहीं चुकाने वाले मालिकों से गाड़ियों की जबरन जब्ती गलत है। ये संविधान की ओर से दी गई जीवन और आजीविका के मौलिक अधिकार का सरासर उल्लंघन है। इस तरह की धमकाने वाली कार्रवाइयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि प्रतिभूतिकरण के प्रावधानों का पालन करते हुए वाहन ऋण की वसूली की जानी चाहिए। इसके लिए ग्राहकों के सुरक्षा हित को लागू करें।

जस्टिस राजीव रंजन की सिंगल बेंचप्रसाद ने रिट याचिकाओं के एक बैच का निपटारा करते हुए, बैंकों और वित्त कंपनियों को लताड़ लगाई। उन बैंकों को जो बाहुबलियों को बंधक वाहनों (बंदूक की नोक पर भी) को जबरन जब्त करने के लिए तैयार करती हैं। अदालत ने बिहार के सभी पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसी भी वसूली एजेंट की ओर से किसी भी वाहन को जबरन जब्त नहीं किया जाए।

IMG 20220723 WA0098

गाड़ियों की जबरन जब्ती पर पटना हाईकोर्ट सख्त

अदालत ने 19 मई को वसूली एजेंटों के जबरन वाहनों को जब्त करने के पांच मामलों की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया। दोषी बैंकों/वित्तीय कंपनियों में से प्रत्येक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

IMG 20230518 WA0062

अपने 53 पन्नों के फैसले में, न्यायमूर्ति रंजन ने सर्वोच्च न्यायालय के 25 से अधिक फैसलों का उल्लेख किया। इसमें दक्षिण अफ्रीका के एक फैसले का भी जिक्र किया गया। कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय किसी भी ‘निजी कंपनी’ के खिलाफ एक रिट याचिका पर सुनवाई कर सकता है, जिसकी कार्रवाई एक नागरिक को उसके जीवन और आजीविका के मौलिक अधिकार से वंचित करती है, जैसा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत परिकल्पित है।’

20x10 unipole 18.05.2023 scaled

IMG 20230513 WA0020Samastipur Town Page Design 01IMG 20230324 WA0187 01IMG 20230428 WA0067 01 01Sanjivani Hospital New Flex 2023 Bittu GIMG 20230416 WA0006 01Post 193 scaled