क्या मनीष कश्यप को एक साल तक जेल में रहना होगा? राज्यपाल द्वारा NSA की मंजूरी मामले पर जानें क्या है सच्चाई…
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मनीष कश्यप को कम से कम 11 महीने तक जेल में रहना पड़ेगा। मनीष पर NSA लगाने के राज्य सरकार के फैसले पर तमिलनाडु के राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि की मुहर लग गई है। यह खबर खूब वायरल हो रही है। इससे संबंधित एक लेटर भी वायरल किया जा रहा है। इसे अधिसूचना बताया जा रहा है। अब इसकी सच्चाई सामने आई है।
5 अप्रैल को मनीष पर तमिलनाडु सरकार ने NSA लगाया था। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के अनुसार आरोपी व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है। और इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। इसके साथ ही हिरासत में रखने के लिए आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती और हिरासत की अवधि को 12 महीने तक किया जा सकता है।
इसी नियम के आड़ में राज्यपाल का लेटर वायरल करते हुए मनीष कश्यप को एक साल तक जेल में रखने की बातें कही जा रही हैं। अब इस लेटर की सच्चाई राजभवन की तफ से सामने आई है। तमिलनाडु राजभवन से एक स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया पर राज्यपाल के नाम से एक लेटर वायरल है।
इस लेटर में कहा गया है कि राज्यपाल ने बिहार के एक मामले में एनएसए पर कार्रवाई की मंजूरी दे दी है। यह सूचना सही नहीं है। राज्यपाल ने किसी भी ऐसे व्यक्तिगत मामले में कोई मंजूरी नहीं दी है। यह भी अपील की गई है कि इस तरह की सूचना को शेयर या प्रमोट न करें। राजभवन की तरफ से राज्यपाल के नाम से दुष्प्रचार फैलाने की कोशिश के खिलाफ एक्शन लेने की बात भी कही गई है।
Governor has not approved any National Security Act against any individual himself. We request the citizens not to share/promote such unverified forwards or contents. Appropriate action as per law will be initiated against those found propagating false and misleading information:… pic.twitter.com/eJFENBzUg1
— ANI (@ANI) May 12, 2023
सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से मनीष कश्यप को झटका लगा। जब कोर्ट ने मनीष कश्यप की सारी दलीलें खारिज करते हुए इस मामले में हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया था। मनीष के वकील ने बिहार और तमिलनाडु में दर्ज सभी एफआईआर को क्लब करने, रेगुलर जमानत देने और NSA हटाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आपको बता दें मनीष पर तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई के फेक वीडियो प्रसारित करने के आरोप हैं।
SC ने सुनवाई से किया इंकार
इस मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने कहा था कि तमिलनाडु एक शांत राज्य है, क्या आप कुछ भी प्रसारित करके राज्य में अशांति पैदा करेंगे। हम इन सब पर सुनवाई नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप के खिलाफ सभी 19 प्राथमिकियों को मिलाने और उन्हें बिहार ट्रांसफर करने कीअनुरोध करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया। यूट्यूबर मनीष तमिलनाडु की मदुरै जेल में बंद है।
मनीष कश्यप पर दर्ज हैं 6 FIR
मनीष कश्यप पर बिहार और तमिलनाडु में 6 FIR दर्ज हैं। आपको बता दें तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई मामले में घर की कुर्की के आदेश के बाद कश्यप ने 18 मार्च को बिहार के जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण किया था। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उसे तमिलनाडु लाया गया जहां अप्रैल में उसके खिलाफ रासुका लगाया गया।