मणिपुर में फंसे हैं बिहार के 200 से अधिक छात्र, राज्य सरकार लाने का कर रही प्रयास, जानिए क्या हैं हालत
मणिपुर में हिंसा के बीच बिहार के 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स वहां फंसे हुए हैं. इन छात्रों का कहना है कि चारों तरफ दहशत का माहौल है. रह-रह कर गोलीबारी की आवाज से वे डरे सहमे हैं. उनके समक्ष भोजन का भी संकट है. इस बीच राज्य सरकार ने वहां फंसे बिहार के विद्यार्थियों को अपने संसाधन पर वापस लाने के लिए मणिपुर सरकार से बात की है. बिहार सरकार को मणिपुर से 150 विद्यार्थियों के नाम और उनके मोबाइल नंबरों की सूची मिली है.
क्या कहते हैं मुख्य सचिव
राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने रविवार को बताया कि मणिपुर के मुख्य सचिव से इस संबंध में फोन पर बात हुई है. जो भी छात्र वहां फंसे हैं, वे सुरक्षित हैं और अपने-अपने कैंपस में हैं. मणिपुर में फंसे छात्र अगर बिहार लौटना चाहेंगे, तो राज्य सरकार उन्हें अपने संसाधन से वापस लायेगी. इससे पहले शुक्रवार को मणिपुर में हिंसा की सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वहां रहने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा के लिए मुख्य सचिव को मणिपुर के मुख्य सचिव से बात करने का निर्देश दिया था.
कैंपस से बाहर निकलना मुश्किल, धमाकों की आवाज से सो नहीं पाते
एनआइटी मणिपुर में विभिन्न सेमेस्टर में करीब 100 से अधिक बिहार के स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. इसके साथ-साथ ट्रिपल आइआइटी और सीपेट में भी इतने ही विद्यार्थी हैं. एनआइटी में पढ़ रहे छात्रों ने बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों के स्टूडेंट्स यहां फंस गये हैं. पीएचडी स्टूडेंट्स किसी तरह से लैब में समय बिता रहे हैं. इन छात्रों ने बताया कि दो मई से इंटरनेट बंद था. रविवार देर शाम इंटरनेट चालू किया गया. लेकिन, सबसे जरूरी खाना- पानी नहीं मिल रहा है. कई स्टूडेंट्स हॉस्टल में फंसे हुए हैं. पीने के लिए पानी भी दिन में एक लीटर ही दिया जा रहा है. दिन-रात धमाकों की आवाज सुनाई देती है. स्टूडेंट्स वापस आना चाह रहे हैं. महाराष्ट्र और त्रिपुरा सरकार अपने स्टूडेंट्स को यहां से निकाल चुकी है. हॉस्टल प्रबंधन ने उन्हें घर जाने के लिए कह दिया है. छात्रों ने कहा कि एनआइटी कैंपस के बगल में कुकी लोग रहते हैं. लगातार कैंपस के पास झड़प हो रही है. धमाकों से सो नहीं पाते हैं. बाहर निकलना मुश्किल है.
काफी महंगी मिल रही फ्लाइट की टिकट
स्टूडेंट्स का कहना है कि पहले मणिपुर से कोलकाता के लिए तीन हजार रुपये में फ्लाइट हो जाती थी. अब फेयर 13 से 15 हजार रुपये हो गया है. कई स्टूडेंट्स 20-20 हजार रुपये देकर घर गये हैं.