नीतीश कुमार का नीति आयोग की बैठक से किनारा, बिहार का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा शामिल, जानिए वजह
संसद भवन के उद्घाटन समारोह का विपक्षी दलों द्वारा विरोध करने के बाद अब गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक से किनारा कर दिया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत पांच राज्यों के सीएम शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे। इसमें नीतीश के अलावा ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान और केसीआर का नाम शामिल है। खास बात ये है कि बिहार से कोई भी प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं होगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम को पत्र लिखकर कहा कि नीति आयोग का उद्देश्य पूरे देश के लिए विजन तैयार करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह गैर भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, यह सहकारी संघवाद नहीं है। इसलिए बैठक में नहीं जाएंगे। सीएम नीतीश ने भी इन्हीं कारणों से नीति आयोग की बैठक से किनारा किया है।
बिहार और बंगाल का कोई प्रतिनिधि भी शामिल नहीं होगा
नीति आयोग की बैठक में बिहार और पश्चिम बंगाल का कोई प्रतिनिधि नहीं शामिल होगा। जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को भेजने के राज्य सरकार के अनुरोध को केंद्र ने ठुकरा दिया। केंद्र ने कहा कि सिर्फ ममता बनर्जी शामिल हो सकती हैं। ऐसे में बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी भी इस बैठक में नहीं जाएंगे।
विपक्षी एकता की राह हो रही आसान
विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की बैठक से किनारा करने पर विपक्षी एकता की झलक नजर आई है। नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और केसीआर सरीखे नेता बीजेपी सरकार के खिलाफ एकजुट हुए हैं। हालांकि, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंयों ने इस बैठक से किनारा नहीं किया है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान केजरीवाल ने नीतीश कुमार से दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए कहा था।