‘ये अटल जी को भूल चुके..’ नीतीश कुमार ने बताया रेल मंत्री पद त्यागकर वाजपेयी के सामने क्यों जोड़े थे हाथ
बिहार की सियासत इस समय गरमायी हुई है. मिशन 2024 को लेकर महागठबंधन और एनडीए दोनों अपनी तैयारी तेज कर चुकी है. वहीं दोनों खेमा एक-दूसरे पर हमलावर भी है. रामनवमी 2023 के दौरान हुई हिंसक घटनाओं से लेकर कई अन्य मामलों पर सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस बीच सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि केंद्र में बैठी वर्तमान भाजपा सरकार पूर्व में रहे अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार से कैसे अलग है.
अटल बिहारी को भूलने का आरोप
नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि ये लोग अब अटल बिहारी वाजपेयी को भूल चुके हैं. सीएम बोले की हम उनकी तारीफ हमेसा करते रहे हैं. श्रद्धेय अटल जी के समय कभी हिंदू-मुस्लिम वाला झंझट नहीं था. उनके नेतृत्व में हमने काम किया है. उन्होंने जो किया वो याद रखा जाएगा. सब मिलकर काम करते थे. विपक्ष के लोग भी खुशी से और मिलकर काम करते थे.
रेलमंत्री काल की दिलाई याद
नीतीश कुमार ने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि अटल बिहारी की सरकार में वो रेल मंत्री बने थे. बंगाल में उस दौरान बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था और 100 लोगों की मौत देखकर हमने रेलमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया. तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पास इस्तीफा लेकर गए तो उन्होंने स्वीकार नहीं किया. दूसरी बार गए और उनके सामने हाथ जोड़कर निवेदन किए तो वो माने.
मोदी सरकार पर तंज
नीतीश कुमार ने कहा कि आजकल क्या कोई इस्तीफा देता है. हमें दूसरी बार बनाया तो बड़े काम किए और आज वैसे हादसे नहीं होते हैं. पर मेरी काम को और अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय कराए काम को दिखाकर उसे अपना किया काम बताते हैं. ये लोग कुछ कर कहां पाते हैं. वहीं जातिय जनगणना पर सीएम बोले कि ये सबने मिलकर फैसला लिया और इसका अच्छा परिणाम दिखेगा.