जल्द रिजल्ट देने को बिहार बोर्ड की तकनीक अपनाएगा सीबीएसई, जानें पढ़ाई के तरीके में कैसे होगा बदलाव
बिहार बोर्ड की फास्ट परीक्षा तकनीक को CBSE अपनाने वाला है. बिहार बोर्ड की परीक्षा तकनीक को अपनाकर सीबीएसई अब जल्द रिजल्ट देगा. यह घोषणा दो दिवसीय कॉन्क्लेव में पटना पहुंची सीबीएसई की अध्यक्ष निधि छिब्बर ने किया है. अध्यक्ष ने इस दौरान कहा कि दसवीं बोर्ड को अभी खत्म करने की कोई योजना नहीं है. बल्कि, पढ़ाई के तरीके में कुछ बदलाव किए जाएंगे. निधि छिब्बर ने यह भी कहा है कि अब तीन साल में ही बच्चों का स्कूल में नामांकन होगा.
बिहार बोर्ड ने परीक्षा व्यवस्था में किए कई सुधार
मालूम हो कि बिहार बोर्ड की परीक्षा लेने की तकनीकी व्यवस्था सबसे बेहतर है. इस कारण रिजल्ट की भी घोषणा सबसे पहले की जाती है. बोर्ड ने अपनी परीक्षा की व्यवस्था में कई तरह के सुधार किए है. निधि छिब्बर ने बताया है कि CBSE स्कूलों में NCERT आधारित पाठ्यक्रम पर पढ़ाई होती है. मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षा को लेकर प्रश्न पत्र में बदलाव किए गए है. साल 2024 के परीक्षा को लेकर केस स्टडी वाले प्रश्नों की संख्या में इजाफा किया जाएगा. इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
पढ़ाई के तरीके में बदलाव के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग
शिक्षकों को ट्रेनिंग देने से पढ़ाई के तरीके में बदलाव होगा. दरअसल, पढ़ाई के तरीके में बदलाव के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है. शिक्षकों की विषय वार क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा. ताकि, बच्चे पढ़ाई के लिए बढ़िया तरीके से तैयार हो सके. इससे बच्चों को लाभ होगा. वहीं, बिहार बोर्ड के सॉफ्टवेयर के बारे में बता दें कि यह 16 गुणा स्पीड से रिजल्ट तैयार करता है. अब CBSE इस फास्ट परीक्षा लेने की तकनीक को अपनाने जा रहा है. साथ ही इसके जरिए गलतियों को तुरंत पकड़ लिया जाएगा.