बिहार के सुल्तानगंज में अगवानी घाट पर निर्माणाधीन पुल के गिरने की घटना पर बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले 30 अप्रैल 2022 को आंधी आने के चलते इस पुल का एक हिस्सा गिर गया था। उन्होंने बताया कि उस वक्त सुपर स्ट्रक्चर सेगमेंट गिरा था। उस वक्त मैं नेता प्रतिपक्ष था, इसलिए मैंने इसपर सवाल उठाए थे।
इससे जुड़ा हुआ सवाल दो बार विधानसभा में भी आ चुका है। पहला सवाल कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा का था, उन्होंने एक मार्च 2023 को यह सवाल किया था। उस सवाल पर मैंने जवाब दिया था। दूसरा सवाल 13 मार्च 2023 को आया था, यह परबत्ता के विधायक डॉक्टर संजीव ने पूछा था। दोनों बार सवाल में मैंने (तेजस्वी यादव) ये बताया था कि दुर्घटना की जांच IIT बॉम्बे, IIT रुड़की और NIT पटना की विशेषज्ञ प्रोफेसर द्वारा कराया जा रहा है। ताकि कारणों का सही पता चल पाए।
स्ट्रक्चरल में IIT रुड़की को बेहतर संस्थान माना जाता है। जब पहली बार यह घटना हुई थी, तब हम नेता विरोधी दल थे। उस वक्त जो सेगमेंट टूटा था, उसको लेकर हम सब आशंका में थे, संशय में थे। इसलिए हम लोगों ने चाहा था कि इसका पूरी तरह से चाहे स्पैम हो, स्ट्रक्चरल हो, सारे सेगमेंट की हम जांच करा लें। उसके बाद हम लोग कोई कदम उठाएंगे। हमने नवंबर में पथ निर्माण विभाग की रिव्यू मीटिंग भी की थी, जिसमें हम सबने निर्देश दिया था कि इसकी जांच होनी चाहिए। सारे संस्थानों को हमलोगों ने अप्रोच किया। उसके बाद हम लोगों ने माना कि IIT रुड़की की जो रिपोर्ट होगी उसके आधार पर आगे का काम करेंगे।
तेजस्वी ने कहा कि अगवानी घाट सुल्तानगंज ब्रिज को लेकर IIT रुड़की की रिपोर्ट को दिखाते हुए कहा कि आंधी तूफान के चलते 13 अप्रैल को 2022 को जो पुल गिरा उसका तकनीकी कारण है। पुल के पूरे डिजाइन का रिव्यू किए जाने के बाद पता चला कि बिहार पथ निर्माण विभाग ने इस पुल के निर्माण में स्ट्रक्चरल डिजाइन के सारे सेगमेंट को तोड़ा।
तेजस्वी ने दोहराया कि मैंने विधानसभा में दिए जवाब में भी कहा था कि दुर्घटना होने के क्षतिग्रस्त हो चुके पुल की जांच IIT रुड़की द्वारा कराकर पुन: उक्त स्पेल को तोड़कर नये सिरे से तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। हम लोगों को शंका था कि हमने हम लोगों ने कई सेगमेंट को ध्वस्त कर दिया। पियर नंबर पांच में IIT रुड़की की रिपोर्ट भी आनी है। हम लोगों को पहले से ही शंका थी कि इसके डिजाइन में फॉल्ट है। इसके निर्माण में काफी स्ट्रक्चरल चीजें ब्रेक की गई। हम लोगों का निर्णय था कि पूरी तरीके से निर्माणाधीन पुल को तोड़कर पुन: कार्य को प्रारंभ करेंगे।
परबत्ता के विधायक को पहले से था अंदेशा
परबत्ता से विधायक डॉक्टर संजीव कुमार ने कहा कि इस पुल के गिरने को लेकर उन्हें पहले से अंदेशा था। अच्छी बात यह है कि यह पहले ही गिर गया। अगर यह बनकर चालू होने के बाद गिरता तो ना जानें कितने लोगों की मौत होती। मेरे हिसाब से कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्टर डायरेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आलोक झा वहां करप्शन में लिप्त हैं। वहां पर अब तक हादसों की वजह से करीब 24 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सीएम नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट है यह पुल
बता दें कि बिहार के भागलपुर जिले में रविवार को गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा ढह गया। भागलपुर को खगड़िया जिले से जोड़ने वाले अगुवानी-सुल्तानगंज पुल के गिरने से किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। यह हादसा उस वक्त हुआ जब अगुवानी-सुल्तानगंज निर्माणाधीन पुल के चार-पांच खंभे गंगा नदी में गिर गये। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भवन निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को मामले की पड़ताल के लिए एक जांच समिति गठित करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। यह पुल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। यह करीब 1710 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है।
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