पुलिस का अनोखा कारनामा, मजदूरी के बदले में दी झोला भरकर शराब, धरना पर बैठे RJD MLA
बिहार के वैशाली के हाजीपुर में सत्तारूढ़ दल के विधायक ने अपनी सरकार की पोल खोल दी. थानाध्यक्ष के निलंबन की मांग को लेकर महुआ से आरजेडी विधायक डॉ. मुकेश रौशन धरना पर बैठ गए. उन्होंने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें शराब नष्ट करने के दौरान की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के लिए बुलाए गए कैमरामैन के बैग शराब बरामद करते दिखाई दिया है. पूछे जाने पर वह बता रहा है कि उसे थाने से शराब दिया गया है. वीडियो कब का है और किस जगह की है. इसकी जानकारी नहीं दी गई है.
विधायक ने जारी किया वीडियो:
विधायक ने जारी वीडियो सदर थाना क्षेत्र का बताया गया है. विधायक का दावा है कि थाना प्रभारी भ्रष्ट है और शराब माफियाओं से इनकी सांठगांठ है. बता दें कि अपनी ही सरकार को अल्टीमेटम देने के बाद विधायक को धरने पर बैठना पड़ा. विधायक डॉ. मुकेश रौशन हाजीपुर समाहरणालय परिसर में अपने समर्थकों के साथ सदर थाना अध्यक्ष अस्मित कुमार के निलंबन की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया को बताया कि हाजीपुर सदर थाना प्रभारी अस्मित कुमार लगातार लोगों का शोषण करता है.
थानाध्यक्ष पर शराब माफिया से सांठ-गांठ का आरोप:
विधायक ने कहा कि जो लोग न्याय की गुहार लगाने जाते हैं, थानाध्यक्ष उनसे से मोटी रकम लेकर एफआईआर दर्ज करता है. दूसरे पक्ष से लाख-लाख रुपये लेकर के केस को रफा-दफा करता है. भू-माफिया से सांठगांठ करके पैसे की उगाही करता है. 2 साल में 50 करोड़ से अधिक की संपत्ति इसके पास है. बिहार सरकार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व डीजीपी साहब से मांग करते हैं कि इसकी संपत्ति जब्त कर गरीबों में बांट दिया जाए. यह भू-माफिया व शराब माफिया से सांठगांठ करके शराब बेचने का धंधा करता है.
कैमरामैन को मेहनताना के बदले देता है शराब:
डाॅ. मुकेश रौशन ने कहा कि शराब की रिकॉर्डिंग करने जो कैमरामैन आता है उसको पैसा के बदले शराब दिया जाता है और कहा जाता है की जाओ तुम शराब बेच देना. बार बार उसको बुलाया जाता है. उसके बैग में शराब देकर उससे शराब का धंधा कराया जाता है. ऐसे थाना प्रभारी को निलंबित करने की मांग करते हैं. पदाधिकारियों को 2 महीने से सूचित कर रहे हैं, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हमने लिखित शिकायत मुख्यमंत्री को दिया. बिहार के डीजीपी और वैशाली के एसपी को दिया, लेकिन हमारे अल्टीमेटम के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई, तो हम धरना पर बैठे हैं.