डॉक्टर के परिवार को बंगले में किया ‘सील’, बुजुर्ग मां-बाप के साथ पत्नी और बच्चे 4 घंटे तक हुए कैद, जानें फिर क्या हुआ…
समस्तीपुर :- रेलवे में मंगलवार को करीब चार घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। एक डॉक्टर का पूरा परिवार चार घंटे तक कैदियों की तरह बंगले के अंदर सील रहा। जिससे अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि सील बंगला पर मीडिया कर्मियों के पहुंचे की सूचना के बाद हरकत आया रेलवे प्रशासन ने सील किए गए बंगला का सील खोल दिया। हालांकि इस दौरान मौजूद मीडिया कर्मी पूछती रही कि किसके आदेश से बंगला को सील किया गया था और अब किसके आदेश से सील खोला जा रहा है तो कर्मी आईओ डब्लू बोलते हुए वहां से भागने लगे। कर्मी अपना नाम तक नहीं बताया।
क्या है पूरा मामला :
बताया गया है कि रेलवे परिसर में लंबे समय से बंद स्विमिंग पुल को दो दिन पूर्व ही खोला गया था। यहां सोमवार शाम रेलवे मंडल के डीआरएम के परिवार के सदस्य स्नान कर रहे थे। इसी दौरान रेलवे के कांटेक्ट डॉक्टर शिवाशीष राय भी पहुंच गए। लेकिन स्विमिंग पुल पर तैनात कर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से मना किया। लेकिन वह नहीं माने और अंदर प्रवेश कर गए।
बताया गया है कि वहां डॉक्टर व डीआरएम के परिवार के लोगों के साथ बकझक हुई। इस घटना के बाद डॉक्टर वहां से निकल गए, जो अबतक वापस नही लौटे हैं। हालांकि डॉक्टर के पिता मिथिलेश राय का कहना है कि उनके पुत्र एक शादी समारोह में भाग लेने गए हैं।
इस घटना के बाद देरा रात करीब 11 बजे डॉक्टर के बंगला को यह कहते हुए 13 जून को दिन के 12 तक खाली करने का आदेश जारी किया गया कि डॉक्टर शिवाशीष का कांटेक्ट 22 मई को ही समाप्त हो चुका है। इसी लिए बंगला को खाली कर दें। बताया गया है कि इस नोटिस के बाद दिन के 12 बजे अचानक रेलवे कर्मी पहुंचे और बंगाला को सील कर दिया। बंगला के अंदर से बुजुर्ग मिथिलेश राय ने घर के अंदर होने की बात कही तो कर्मी ने कहा अंदर रहिए, वह अपनी नौकरी बचा रहा है, और बंगला को सील कर दिया गया। बंगला के अंदर डॉक्टर के पिता के अलावा उनकी बुजुर्ग मां चंद्रमिला देवी, डॉ. की पत्नी खुशबू कुमारी, डॉक्टर की पुत्री मेद्यावी 6 वर्ष व पुत्र आयुशमन 4 वर्ष था।
वहीं इस मामले पर डीआरएम आलोक अग्रवाल ने कहा कि डॉक्टर का कांट्रेक्ट समाप्त था, जिस कारण डॉक्टर को बंगला खाली करने के लिए नोटिस दी गई थी। हालांकि जब परिवार के लोग बंगला के अंदर थे तो उन्हें सील करने को लेकर किसी को भी ऐसा आदेश जारी नहीं किया गया है। संभव है मामला को हाईलाइट करने के लिए वह खुद ही सील कर हाय तौबा मचा रहे होंगे। हालांकि जब पत्रकारों के द्वारा बताया गया कि रेलवे कर्मी सील खोलने आए तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी।