शिक्षा विभाग ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में विलंब चल रहे शैक्षणिक सत्रों पर नाराजगी जताते हुए तीन से चार महीने के अंदर इसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। यह भी कहा है कि अगर सत्र में सुधार नहीं हुआ तो जिम्मेदार अफसरों का वेतन बंद कर दिया जाएगा। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि इसकी पूरी कार्ययोजना बनाएं कि सत्र को कैसे ठीक करेंगे और इसकी जानकारी विभाग को जल्द उपलब्ध कराएं।
विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों और परीक्षा नियंत्रकों के साथ बैठक की और कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों को वेतन देती है तो विद्यार्थियों का बेहतर पठन-पाठन हो, इसकी जवाबदेही हर हाल में सुनिश्चित करानी होगी।
विभाग के सभागार में तीन घंटे तक चली इस बैठक में उच्च शिक्षा के दर्जनभर से अधिक विषयों पर समीक्षा हुई। इसमें सबसे अधिक फोकस शैक्षणिक सत्रों को समयबद्ध करने पर रहा। केके पाठक ने यह भी निर्देश दिया कि जैसे-तैसे परीक्षा लेकर सत्र को पूरा नहीं करें, बल्कि कोर्स को अनिवार्य रूप से पूरा करें। इसके लिए जरूरत हो तो एक दिन में तय से अधिक कक्षाएं हर शिक्षक लें। छुट्टी के दिनों में भी शिक्षक कक्षा लें, पर कोर्स को हर हाल में समय पर पूरा करने के बाद ही परीक्षा कराएं, ताकि विद्यार्थियों को परेशानी नहीं हो।
कुलसचिवों को निर्देश दिया कि प्रचार्यों के रिक्त पदों को रोस्टर तैयार कर जल्द विभाग को उपलब्ध कराएं। वेतन सत्यापन कार्य में आ रही कठिनाइयों पर भी विचार-विमर्श हुआ। यह भी बात सामने आयी कि कई विवि में जितना वेतन मिलना चाहिए, उससे अधिक का भुगतान भी कुछ शिक्षकों-कर्मियों को किया जा रहा है।
स्नातक व स्नातकोत्तर के सत्र विलंब से चल रहे
बैठक की समाप्ति के बाद उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. रेखा कुमारी ने कहा कि कई विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों के ही शैक्षणिक सत्र विलंब से चल रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा और मगध विश्वविद्यालय, बोधगया में है। हालांकि, अन्य विश्वविद्यालयों में भी सत्र विलंब से चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय में स्नातक की वर्ष 2020 में आने वाला रिजल्ट अभी तक लंबित है। मगध में स्नातकोत्तर का 2018-20 का सत्र भी अभी पूरा नहीं हुआ है।
किस शिक्षक ने कितनी क्लास ली, इसकी भी रिपोर्ट देंगे
बैठक में यह भी तय हुआ कि विश्वविद्यालय और कॉलेज में कौन शिक्षक किस दिन कितनी क्लास लिए, इसकी जानकारी भी विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करायी जाएगी। बैठक में विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव समेत अन्य अधिकारी, विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक उपस्थित थे।
कार्ययोजना बनाकर विभाग को बताने का टास्क दिया
बैठक के दौरान विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और कर्मियों की बायोमेट्रिक हाजिरी में तत्काल सुधार करने का निर्देश भी विभाग ने दिया है। वहीं बैठक में विश्वविद्यालयों को यह भी निर्देश दिया गया कि अनुदानित डिग्री कॉलजों को दी गई अनुदान राशि का वितरण जल्द-से-जल्द शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के बीच कराएं। इसके बाद 30 जून तक हर हाल में राशि वितरण का उपयोगिता प्रमाणपत्र विभाग को उपलब्ध कराएं। ताकि, आगे के शैक्षणिक सत्रों के लिए अनुदान राशि निर्गत करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
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