रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बताने वाले शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के भाई थामेंगे भाजपा का कमल
बिहार के शिक्षा मंत्री और मधेपुरा से राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर प्रसाद यादव के घर में ‘महाभारत’ शुरू हो गई है। कल तक हर संकट में अपने छोटे भाई चंद्रशेखर के साथ खड़े रहने वाले प्रो. रामचंद्र प्रसाद यादव अब उनके खिलाफ रहेंगे। चंद्रशेखर के बड़े भाई आने वाले दिनों में बीजेपी में शामिल होंगे। मधेपुरा में मीडिया से बात करते हुए प्रो. रामचंद्र ने बताया कि वह एक राष्ट्रवादी हैं और बीजेपी की नीति से प्रभावित है। उन्होंने राजद और समाजवादी दलों पर आरक्षण के नाम पर ओबीसी समाज को गुमराह करने और ठगने का आरोप लगाया।
वहीं रामचरित्र मानस पर प्रो. चंद्रशेखर के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि तुलसीदास सामाजिक समरसता के प्रबल समर्थक रहे हैं। उन्होंने जो रामचरितमानस लिखी वो अवधी भाषा में लिखी। बिना उसे पढ़े समझे रामचरितमानस पर किसी तरह की टीका टिप्पणी उचित नहीं है। बता दें, प्रो चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बताया था।
पार्टी चाहेगी तो भाई के खिलाफ भी चुनाव लडूंगा: प्रो. रामचंद्र
आगामी चुनाव में क्या प्रो. चंद्रशेखर के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं? इस पर प्रो. रामचंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। कई लोग हैं, जिसके परिवार के सदस्य अलग-अलग राजनीतिक दल में हैं। उन्होंने देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और माधवराव सिंधिया का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी चाहे तो वे जरूर चुनाव लड़ेंगे।
24 जून को बीजेपी में शामिल हो सकते हैं प्रो रामचंद्र प्रसाद
संभावना जताई जा रही है कि आगामी 24 जून को मधुबनी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यक्रम में वे ‘कमल’ थाम सकते हैं। बता दें, बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के बड़े भाई प्रो. रामचंद्र प्रसाद यादव दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर थे। अब रिटायरमेंट के बाद वे मधेपुरा में रहकर अपनी राजनीतिक जमीन को तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों कोशी सहित मधेपुरा में अधिक से अधिक कमल खिलेगा।