नीतीश सरकार के लिए आज अहम दिन: हाईकोर्ट आज करेगा जाति जनगणना पर सुनवाई
गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद बारिश की बूंदों के बीच सोमवार को बिहार में सामाजिक-राजनीतिक माहौल गरम रहेगा। पटना हाईकोर्ट में सोमवार को बिहार की महागठबंधन सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जाति आधारित जनगणना को लेकर सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने बिहार सरकार की ओर से बताई जा रही ‘जाति आधारित गणना’ को प्रथम दृष्टया जाति आधारित जनगणना माना था और इसपर अंतरिम रोक लगाई थी। इस रोक के बाद अगली तारीख तीन जुलाई दी गई थी। हाईकोर्ट के अंतरिम रोक के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन राहत नहीं मिली।
दो बार याचिकाकर्ता, एक बार सरकार लौटी
सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को तीसरी बार बिहार की जाति आधारित जन-गणना के केस को पटना हाईकोर्ट के पास भेजा था। दो बार जनहित के नाम पर याचिका पहुंचने पर सुप्रीम न्यायालय ने इसे हाईकोर्ट का केस बताते हुए वापस किया था। इसके बाद पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और यहां 04 मई को अंतरिम फैसला राज्य सरकार के खिलाफ आया। कोर्ट ने जाति आधारित जनगणना प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाते हुए 04 मई तक जुटाए सभी डाटा को सुरक्षित रखने का आदेश दिया था।
पटना हाईकोर्ट से अपने खिलाफ अंतरिम आदेश को देखकर बिहार की नीतीश सरकार अगली तारीख का इंंतजार किए बगैर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा- “पटना हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले में काफी हद तक स्पष्टता है, लेकिन अंतिम फैसला आए बगैर सुप्रीम कोर्ट में कोई सुनवाई नहीं होगी। हाईकोर्ट अपनी दी तारीख 03 जुलाई पर सुनवाई कर फैसला नहीं देगा तो सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई को यहां दलील सुनेगा।”
10 दिनों में लेना होगा हाईकोर्ट को फैसला
पटना हाईकोर्ट ने 04 मई को जहां तक सुनवाई कर अंतरिम आदेश दिया, उससे आगे अब 03 जुलाई को बहस शुरू होगी। पिछली दफा राज्य सरकार का पक्ष हाईकोर्ट में बहुत मजबूती से नहीं दिखा था और यह बात भी सामने आई थी कि सरकार को अपने खिलाफ फैसले का अंदेशा था। यही कारण है कि राज्य सरकार ने अंतरिम फैसले के बाद 03 जुलाई की तारीख लंबी बताकर एक बार यह भी अपील की थी कि जल्दी सुनवाई कर अंतिम फैसला दे दिया जाए। तारीख की अवधि घटाने को लेकर सरकार की याचिका बेकार गई थी। कोर्ट ने इसमें भी कोई राहत नहीं दी थी।