सृजन घोटाला: तत्कालीन ADM जयश्री ठाकुर के पूरे परिवार की संपत्ति होगी जब्त, करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप
चर्चित सृजन घोटाले के मुख्य आरोपियों की फेहरिस्त में शामिल भागलपुर की तत्कालीन एडीएम जयश्री ठाकुर समेत 5 अभियुक्तों की संपत्ति अंतिम रूप से जब्त होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन 5 में जयश्री के पति, बेटा और बेटी भी शामिल हैं। ईडी ने इनकी संपत्ति जब्त करने के लिए पटना स्थित विशेष न्यायालय में मुकदमा दायर किया है। इस पर कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है। साथ ही सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी करने का आदेश दिया है। अब इनकी कोर्ट में पेशी शुरू होगी।
इनमें अभी कुछ आरोपी जेल में बंद हैं। ईडी इन सभी आरोपियों की अब तक 10 करोड़ 78 लाख रुपये की अवैध संपत्ति प्रारंभिक तौर पर जब्त कर चुकी है। अब इन्हें अंतिम रूप से जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। ताकि भ्रष्ट आचरण से कमाई गई इनकी पूरी संपत्ति सरकार के हिस्से में आ सके। बतौर लोकसेवक जयश्री पर अपने पद का कई तरह से दुरुपयोग कर करोड़ों की दौलत जमा करने का आरोप साबित हुआ है। ईओयू में मामला दर्ज होने के तीन-चार साल बाद भागलपुर में सृजन घोटाला का पर्दाफाश हुआ।
फ्लैट और जमीन के प्लॉट के तौर पर 21 अचल संपत्ति
इस मामले की जांच करते हुए ईडी पहली बार में इन आरोपियों की 6 करोड़ 84 लाख रुपये की संपत्ति को जब्त की थी। दूसरी बार में इनकी 3 करोड़ 94 लाख रुपये की अवैध संपत्ति का पता चलने पर, इन्हें भी जब्त किया गया। इस तरह ईडी इनकी 10 करोड़ 78 लाख रुपये की अवैध संपत्ति को दो चरणों में जब्त कर चुकी है। इसमें फ्लैट एवं प्लॉट के तौर पर 21 अचल संपत्ति के अतिरिक्त 41 बैंक खातों में जमा 5 करोड़ 5 लाख रुपये से अधिक की राशि एवं 26 लाख रुपये से अधिक की 12 बीमा से जुड़ी पॉलिसी शामिल है। इनके फ्लैट और प्लॉट बड़ी संख्या में भागलपुर और बांका जिले में हैं।
2013 में दर्ज हुआ था आय से अधिक संपत्ति मामला
इस मामले में जयश्री के अलावा उनके पति राजेश कुमार चौधरी, उनका बेटा ऋषिकेश चौधरी, बेटी राजश्री चौधरी और कौशल किशोर सिन्हा भी शामिल हैं। इनके खिलाफ 13 करोड़ 98 लाख 38 हजार रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इन सभी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला दर्ज करते हुए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने 2013 में एफआईआर दर्ज कराई थी। फिर इस मामले को ईडी ने अपने अधीन लेते हुए पीएमएलए के अंतर्गत जांच शुरू की थी। इसमें काली कमाई को अन्य स्थानों पर घुमाने और कई चैनल से होकर अपने पास वापस लेने जैसे कई बातें सामने आईं।