पूर्व विधायक अनंत सिंह ने कैदियों को भगाने के लिए रची जेल ब्रेक की साजिश, दर्ज कराई गई FIR
बेउर जेल प्रशासन ने जेल तोड़ने, कर्मचारियों पर हमला करने, गेट की चाबियां छीनने और कैदियों को भगाने के प्रयास के मामले में पूर्व विधायक अनंत सिंह समेत 31 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि हमले में शामिल अनंत सिंह समेत 31 कैदियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, दोषी कक्षपाल को निलंबित कर दिया गया है। हंगामा करने वाले 31 कैदियों को चिह्नित कर उन्हें दूसरी जेल में भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
दर्ज प्राथमिकी में प्रशासन ने आरोप लगाया है कि पूर्व विधायक ने जेल कर्मियों पर दबाव बनाने और कैदियों को भगाने की कोशिश की, जिसके कारण पूर्व विधायक के समर्थकों ने जेल कर्मियों पर हमला किया। उन्होंने जेल के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। बता दें कि बेऊर जेल में रविवार को जमकर हंगामा हुआ। डिविजन वार्ड और बैरक का दरवाजा खुला रह जाने पर अनंत सिंह के समर्थक 40 कैदियों ने पहले बैरक में कैदी की पिटाई कर दी। स्थिति नियंत्रित करने के पहुंचे कक्षपाल पर भी हमला किया। पूर्व विधायक के समर्थक लाठी-डंडे से लैस थे। हमले में कक्षपालों सहित 11 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। वहीं अनंत सिंह के समर्थकों का आरोप था कि पूर्व विधायक की हत्या की साजिश रची गई। इसलिए उनके वार्ड का दरवाजा खुला छोड़ दिया गया।
एफआईआर में कहा गया है कि 16 जुलाई को अनंत सिंह और उनके समर्थकों ने सबसे पहले वार्डन अनिरुद्ध कुमार बैठा पर हमला किया। जैसे ही सहायक अधीक्षक भूतेस कुमार उनके बीच-बचाव करने वहां पहुंचे, कैदियों ने उनकी भी बेरहमी से पिटाई कर दी। उन्होंने एक सेल पर हमला किया, उसके वार्डन संजीव कुमार शाह और गौतम कुमार की पिटाई की, चाबियां छीन लीं और कैदियों को भगाने का प्रयास किया।
इस बीच बेऊर जेल में पूर्व विधायक अनंत सिंह के समर्थक बंदियों द्वारा अन्य बंदियों एवं कक्षपालों के साथ मारपीट और हंगामे की जांच कारा महानिरीक्षक शीर्षत कपिल अशोक करेंगे। वे अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपेंगे। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले साल पटना की एक एमपी-एमएलए अदालत ने पूर्व विधायक अनंत सिंह को 2015 के एक मामले में 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके बाद से वो बेऊर जेल में हैं। बाहुबली अनंत सिंह ने मोकामा से पांच बार जीत हासिल की है, तीन बार जेडीयू से, एक बार आरजेडी और एक बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की है। कोर्ट द्वारा सजा होने के बाद उनकी उम्मीदवारी चली गई, जिसके बार आरजेडी के टिकट से उनकी पत्नी नीलम सिंह मोकामा से विधायक बनीं।