बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि शिक्षा विभाग को सनकी तरीके से हांका जा रहा है। वहां मंत्री तक की नहीं चलती और नियम-कानून से कोई वास्ता नहीं है।
सोमवार को बयान जारी कर सुशील मोदी ने कहा कि गत 20 जुलाई को संगीत शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित मामले में शिक्षा विभाग ने दिल्ली से बुलाये गए वकीलों को पटना हाईकोर्ट में पेश कर राज्य के अटार्नी जनरल पी के शाही तक को असहज स्थिति में डाल दिया। इस पर एजी को खेद प्रकट करना पड़ा। उन्होंने कहा कि बिहार न्यायिक अधिकारी अधिनियम-2023 के नियम-13 के अनुसार कोई भी सरकारी विभाग एजी की अनुमति के बिना बिहार से बाहर के किसी वकील से पैरवी नहीं करा सकता।
मोदी ने कहा कि यदि शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव ने नियम-कानून का पालन किया होता, तो हाईकोर्ट में सरकार की फजीहत न होती। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग की मनमानी पर सरकारी वकीलों ने ही न्यायपीठ के समक्ष आपत्ति की और एजी को स्वीकार करना पड़ा कि उनकी अनुमति के बिना बाहरी वकील बुलाये गए थे। उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का यही तौर-तरीका पसंद है, तो उन्हें ही मुख्यमंत्री का सलाहकार बना लेना चाहिए।
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